Motivational Concept: शोषण कर कमाया गया धन वंदनीय है

Tuesday, Mar 01, 2022 - 04:07 PM (IST)

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एक बार सम्राट अशोक के जन्म दिवस पर सर्वश्रेष्ठ शासन व्यवस्था करने वाले प्रांत प्रमुख को ईनाम देने की घोषणा की गई। दरबार में मौजूद प्रांत प्रमुख अपनी-अपनी उपलब्धियां सम्राट को बताने लगे।सबसे पहले उत्तरी सीमावर्ती प्रांत के प्रमुख ने कहा, ‘‘कर वृद्धि से इस वर्ष हमारे प्रांत की आय पहले से तीन गुना हो गई है।’’

दक्षिण प्रांत का प्रमुख बोला,   ‘‘इस वर्ष राजकोष को भेजा गया धन पिछले साल का दो गुना है।’’ इसी प्रकार पूर्वी प्रांत के प्रमुख ने कहा, ‘‘पूर्वी सीमा से सटे दमनकारियों का अंत कर हमने वहां शांति स्थापित की है।’’ एक अन्य प्रांत का प्रमुख बोला, ‘‘हमने राज्य में आय के नए स्रोत खोजे हैं जिससे संसाधन और सुशासन में सुधार होगा।’’

आखिर में मगध प्रांत के प्रमुख की बारी आई। वह बोला, ‘‘इस वर्ष राजकोष को मेरे राज्य द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में आधा धन भेजा गया है क्योंकि प्रजा के कर घटाए गए हैं। राजसेवकों को अन्य सुविधाएं दी गई हैं। मार्गों में छायादार वृक्ष लगवाए गए हैं। पाठशालाएं और धर्मशालाएं तैयार की गईं।  रोगियों की चिकित्सा के लिए औषधालय खोले गए हैं।’’

सभी प्रांतों का ब्यौरा सुनने के बाद सम्राट अशोक ने कहा कि, ‘‘मुझे शोषण से प्राप्त धन की चाह नहीं है। शोषण कर कमाया गया धन वंदनीय है इसलिए मगध प्रांत के प्रमुख को सर्वश्रेष्ठ शासक घोषित किया जाता है।’’

Niyati Bhandari

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