जब संत ने यूं दूर किया सिकंदर का भय

Thursday, Aug 27, 2020 - 07:08 PM (IST)

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सम्राट सिकंदर कहीं जा रहा था। रास्ते में उसने एक दिगम्बर संत को देखा। उनके चेहरे के तेज ने उसे प्रभावित किया। वह बोला, ‘‘महाराज आप मेरे राज्य की राजधानी में निवास कर उसे पवित्र कीजिए।’’

संत ने उत्तर दिया, ‘‘साधु का बस्ती में क्या काम? साधु को एक जगह न रह कर जगह-जगह जाकर लोगों को उपदेश देना चाहिए। उनसे जो रूखा-सूखा भोजन मिल जाए, उसे खाकर जीवन चलाना चाहिए।’’

साधु के शब्द सुनकर सिकंदर क्रोधित हो उठा। अहंकार में भरकर उसने कहा, ‘‘साधु तू यह नहीं जानता कि तू किस से बात कर रहा है। मैं सम्राट हूं और मेरी बात न मानने का नतीजा मौत होता है।’’

संत यह सुनकर मुस्कुराए और बोले, ‘‘मौत से वह साधु डरता है जो स्वार्थी होता है। सच्चे साधु से तो मौत भी डरती है। जो मौत से डरता है, वही किसी राजा से भी डरेगा।’’

संत की निर्भीकता को देखकर सिकंदर समझ गया कि यह कोई महान विभूति है। वह साधु के सामने नतमस्तक हो उठा।    —शिव कुमार गोयल

Jyoti

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