आपके जीवन में है कोई सच्चा सहयोगी

Wednesday, Aug 26, 2020 - 02:29 PM (IST)

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किसी राजा ने यह घोषणा की कि वह राजकुमार को देश-निकाला दे रहा है और जो कोई भी उसका साथ देगा उसे प्राणदंड दिया जाएगा। यह सुन सभी सन्न रह गए। राजकुमार को समझ में नहीं आया कि उसके पिता ऐसा क्यों कर रहे हैं। उसने तो अपनी समझ से कोई गलती नहीं की, न ही उनका दिल दुखाया था। फिर भी राजाज्ञा तो राजाज्ञा थी। राजकुमार के तीन करीबी  मित्र थे। वह उनसे इस संबंध में सलाह करने गया। पहले मित्र ने जैसे ही उसे देखा, घर का दरवाजा बंद कर लिया। राजकुमार दूसरे मित्र के पास गया। 

राजकुमार की बात सुन मित्र ने कहा, ‘‘मैं तुम्हारा साथ नहीं दे सकता। तुम चाहो तो मेरा घोड़ा ले जाओ।’’ भला घोड़े से क्या लाभ होना था। राजकुमार निराश होकर अपने तीसरे मित्र के पास गया। उसने राजकुमार का स्वागत किया और बोला, ‘‘मैं तुम्हारे साथ देश छोडऩे के लिए तैयार हूं।  पर ऐसा करने से पहले महाराज से मिलकर यह जानना चाहूंगा कि उन्होंने तुम्हें इतना कठोर दंड क्यों दिया?’’ दोनों राजा के पास पहुंचे उसने साहस से पूछा, ‘‘राजन! राजकुमार का क्या अपराध है जो आपने उसे ऐसा दंड दिया?’’

राजा ने कड़े शब्दों में कहा, ‘‘तुम्हें यह पूछने का कोई अधिकार नहीं है। तुम्हें मालूम होना चाहिए उसका साथ देने पर तुम्हें क्या दंड मिलेगा?’’ मित्र ने कहा, ‘‘कोई भी दंड मिले। मैं हर हाल में राजकुमार का साथ दूंगा।’’ 

यह सुनकर राजा बोला, ‘‘मुझे खुशी है कि मेरे पुत्र को तुम्हारे जैसा कोई मित्र मिला। असल में मैं उसे राजगद्दी सौंपना चाहता हूं। पर इस बात से ङ्क्षचतित था  कि उसे कोई विश्वस्त सहयोगी मिलेगा कि नहीं।  किसी शासक को एक भी सच्चा मित्र मिल जाए तो वह सफल हो सकता है। इसी की परीक्षा के लिए मैंने यह सब किया। अब मैं अपना राज्य राजकुमार को सौंप सकता हूं। तुम उसके सहायक होंगे।’’         

Jyoti

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