किसी से कुछ भी मांगने से पहले याद रखें ये बात

Saturday, Jul 18, 2020 - 11:13 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कश्मीर के राजा चंद्रापीड़ ने राज्य में भगवान त्रिभुवनेश्वर का मंदिर बनाने का आदेश दिया। जिस भूमि पर मंदिर का निर्माण शुरू  किया गया, उसी के पास एक चर्मकार की झोंपड़ी  थी। राजा के मंत्री ने उसे समझाया, ‘‘तुम इस जमीन के बदले धन ले लो या तुम्हारे लिए अन्यत्र एक मकान बनवा कर दे देंगे।’’ 

चर्मकार ने कहा, ‘‘यह झोंपड़ी मेरे परदादा ने बनवाई थी। अपने पुरखों  की इस जमीन से मेरा मोह है। मैं इसे नहीं छोड़ सकता।’’

एक दिन राजा ने चर्मकार को अपने दरबार में बुलाकर जमीन मंदिर के लिए देने को कहा। जब उसने आनाकानी की तो राजा के मुंह से निकला, ‘‘मैं अपने महल के लिए तो जमीन मांग नहीं रहा हूं। भगवान के मंदिर के लिए मांग रहा हूं। तुम्हें कुछ तो धर्म का ध्यान करना चाहिए।’’ 

‘‘महाराज, आपको भी तो धर्म के नियमों का पालन करना चाहिए। मेरे घर आकर मंदिर के लिए जमीन मांगनी चाहिए थी। आपने तो उल्टे मुझे दरबार में बुलाकर एक प्रकार से जमीन देने के लिए दबाव ही डाला है।’’

राजा यह सुनकर हत्प्रभ रह गए। वह उसी शाम मंत्री के साथ उस गरीब की झोंपड़ी पर गए। चर्मकार ने हाथ जोड़कर कहा, ‘‘अब मुझे जमीन मंदिर को देते हुए पूर्ण संतोष हो रहा है। भगवान के मंदिर के निर्माण में मेरी छोटी-सी झोंपड़ी का भी योगदान है, क्या यह मेरे लिए कम गौरव की बात है।’’—शिव कुमार गोयल

Jyoti

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