समाज के सुधार के लिए इन रुकावटों का सामना करना है ज़रूरी

Wednesday, Jul 22, 2020 - 10:44 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
संत मार्टिन लूथर समाज में व्याप्त कुरीतियों पर प्रहार कर समाज-सुधार की प्रेरणा देते थे। एक वर्ग ने बौखला कर संत लूथर तथा उनके शिष्यों के विरुद्ध बावेला मचाना शुरू कर दिया। वे उन्हें देखते ही गालियां बकने  लगते, फब्बितयां कसने लगते, उन पर पत्थर फैंकने लगते। दुराचारियों के उत्पीड़ऩ से तंग आकर शिष्यों  ने संत जी से कहा, ‘‘लगता है हमें भी इनकी गालियों का जवाब गालियों से देने को मजबूर होना पड़ेगा।’’

संत लूथर ने उन्हें  समझाया, ‘‘ऐसा करने पर दुराचारियों तथा हमारे सदाचारी अनुयायियों में क्या अंतर रह जाएगा। दूसरों के दोष ढूंढना ही जिनकी आदत बन चुकी है उन्हें इस कुप्रवृत्ति से बचाना ही हमारा उद्देश्य है। यदि हम भी परनिंदा में लग गए तो क्या अपने महान उद्देश्य से भटक नहीं जाएंगे।’’


संत लूथ के अनुयायी शांत हो गए। वे समझ गए कि समाज-सुधार के काम में इस प्रकार की बाधाएं तो आती ही हैं। -शिव कुमार गोयल

Jyoti

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