Mother's Day 2023: ये हैं भारत की महान माताएं, जो आज भी हैं हर मां के लिए प्रेरणा स्त्रोत

Sunday, May 14, 2023 - 07:44 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Mother Day 2023: हिंदू शास्त्रों में मां को भगवान से भी बड़ा दर्जा दिया जाता है। सनातन धर्म के ग्रंथों में ऐसे तमाम उदाहरण मौजूद हैं, जो बताते हैं कि मां के आशीर्वाद के बिना कोई व्यक्ति ही नहीं बल्कि भगवान भी किसी भी काम में सफल नहीं हो सकते। माताओं के समर्पण को समाज में एक आदर्श के रूप में देखा जाता है। मां की ही पूजा के लिए और उनसे अपना प्यार जताने के लिए मदर्स डे का दिन बनाया गया है। हर साल मई माह के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। तो आइए मदर्स डे के इस खास दिन पर आज आपको बताते हैं, धर्म ग्रंथों की कुछ ऐसी ही माताओं के बारे में जिन्होंने परिश्रम कर अपनी संतान को बनाया सफल।

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Devi Sita nurtured her children while living in the forest देवी सीता ने वन में रहकर किया अपनी संतान का पालन पोषण
रामायण में माता सीता की ममता का बहुत अच्छे से वर्णन किया गया है कि कैसे एक महलों की राजकुमारी ने वन में रहकर अपनी संतान का पालन-पोषण किया। देवी सीता को अपने त्याग के लिए जाना जाता है, चाहे बहू के रूप में हो, पत्नी के रूप में या माता के रूप में। वन में रहने के बावजूद भी माता सीता ने अपने पुत्रों को हर वो गुण दिए जो एक राजकुमार में होने चाहिए।

Mother Yashoda is another name of Mamta ममता का दूसरा नाम है मां यशोदा
माता यशोदा का नाम सुनकर ही ममता याद आ जाती है। श्री कृष्ण का जन्म भले ही माता देवकी की कोख से हुआ हो लेकिन कान्हा की मां के रूप में माता यशोदा को पहले याद किया जाता है। श्री कृष्णा के साथ माता ने दाऊ जी का भी पालन पोषण किया, जो रोहिणी के पुत्र और सुभद्रा के भाई थे।

Mother Kayadhu made son Prahlad a devotee माता कयाधु ने बनाया पुत्र प्रहलाद को भक्त
भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद की माता का नाम कयाधु था। जब ये माता के गर्भ में थे तब नारद मुनि के मुख से भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन सुना था। माता से ही प्रभावित होकर पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु की उपासना करने लगे। उन्हीं की भक्ति को देखकर भगवान नारायण को नरसिंह का अवतार लेना पड़ा।

Mother Suniti gave the knowledge of devotion to child Dhruv माता सुनीति ने बालक ध्रुव को दिया भक्ति का ज्ञान
बालक ध्रुव का नाम हर कोई जनता है। इनके पिता का नाम उत्तानपाद था और इनकी दो पत्नियां थीं सुनीति और सुरुचि। दूसरी माता के द्वारा किए गए अपमान के बाद उनकी मां ने बालक ध्रुव को भक्ति के बारे में बताया। जिस कारण भगवान विष्णु ने उसे ध्रुव लोक प्रदान किया।

Mata Kaushalya made Shri Ram the best of dignity माता कौशल्या ने बनाया श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम
भगवान श्री राम की महिमा कौन नहीं जनता। उनको सारी सृष्टि एक मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में देखती है। माता कौशल्या ने अपने पुत्र श्री राम का पालन-पोषण इस तरह किया कि आज भी हर माता अपनी संतान को श्री राम की तरह आदर्शवादी बनाने की सीख देती है।  माता कौशल्या के पुत्र श्रीराम सिर्फ अपनी पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए 14 वर्ष के वनवास पर चले गए।

Niyati Bhandari

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