अनूठी वास्तुकला को दर्शाते माता लक्ष्मी के ये मंदिर

Thursday, Apr 12, 2018 - 04:02 PM (IST)

भगवान विष्णु की अर्धांगिनी माता महालक्ष्मी को धन-धान्य व समृद्धि की देवी माना गया है। हर कोई मां लक्ष्मी को खुश करके अपने घर बुलाने की चाहत रखता है। माता महालक्ष्मी सुख-समृृद्धि और ऐश्वर्य की देवी हैं। भारतवर्ष में माता महालक्ष्मी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां इनके दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। तो आज हम उन्हीं में से कुछ प्रसिद्ध मंदिरों की जानकरी आपको देंगे-

तो आईए जानतें हैं  एेसे 8 प्राचीन मंदिरों के बारे में, जिनके साथ लोगों की असीम आस्थाएं ज़ुड़ी हुई हैं साथ ही जो अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं।


लक्ष्मी नारायण मंदिर, वेल्लूर
यह मंदिर तमिलनाडु के राज्य थिरुमलाई कोड़ी में स्थित है, जो लगभग 100 एकड़ भूमि के ऊपर बना हुआ है। मान्यता अनुसार इसके निर्माण में पूरे 7 वर्ष लगे थे और इसके निर्माण में तकरीबन 15,000 किलोग्राम विशुद्ध सोने का इस्तेमाल हुआ था। 

महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई
समुद्र के किनारे पर स्थित यह मंदिर अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर में कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं। मान्यता अनुसार मां ने एक ठेकेदार को स्वप्न में  दर्शन देकर समुद्र से तीन प्रतिमाएं (महालक्ष्मी, महाकाली एवं महासरस्वती) निकाल स्थापित करने को कहा था, जो मंदिर में आज भी स्थापित हैं।  

लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली 
दिल्ली के इस प्रसिद्ध मंदिर को बिरला मंदिर भी कहते हैं। यह मंदिर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इसका निर्माण राजा बलदेव बिरला द्वारा और उद्घाटन महात्मा गांधी द्वारा किया गया था। मान्यता अनुसार यह मंदिर मूल रूप में 1622 में वीर सिंह देव ने बनवाया और 1793 में पृथ्वी सिंह ने इसका जीर्णोद्वार करवाया। 1938 में बिरला समूह ने इसका विस्तार और पुनरूद्धार कराया।

लक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर
कोल्हापुर महाराष्ट्र का जिला है। यहां देवी लक्ष्मी को अंबा जी के नाम से पुकारा जाता है। पौराणिक मतानुसार इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में चालुक्य शासक कर्णदेव ने 7वीं शताब्दी में करवाया था। मंदिर के गर्भगृह में देवी लक्ष्मी की लगभग 40 किलो वज़नी व चार फ़ीट लंबी प्रतिमा स्थापित है, जिस पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं।

अष्टलक्ष्मी मंदिर, चेन्नई 
इलियट समुद्र तट के समीप स्थापित यह मंदिर देवी लक्ष्मी के आठ रूपों- वंश, सफलता, समृद्धि, धन, साहस, वीरता, भोजन और ज्ञान को समर्पित है। मंदिर परिसर में देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूप 4 मंजिल में बने 8 अलग-अलग कक्षों में स्थापित हैं, जिसमें से भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी मंदिर की दूसरी मंजिल पर विराजित हैं।


अष्टलक्ष्मी मंदिर, हैदराबाद
हैदराबाद के एक इलाके में देवी लक्ष्मी का अष्टलक्ष्मी नामक मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारत की वास्तु कला के आधार पर बनाया गया है। यहां भी देवी 8 विभिन्न रूपों में विराजित हैं, जो इस मंदिर की खासियत है। 

लक्ष्मी कुबेर मंदिर, वडलूर, चेन्नई 
इस मंदिर को चेन्नई का अनोखा मंदिर कहा जाता है, क्योंकि इस मंदिर में भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी एक साथ विराजित हैं। यह मंदिर लगभग 4000 स्क़्वायर फ़ीट में बना हुआ है व इसके निर्माण में लगभग 30 लाख रूपए की लागत आई थी।

लक्ष्मी नारायण मंदिर, जयपुर 
बिरला परिवार द्वारा स्थापित मंदिरों में से एक जयपुर का लक्ष्मी नारायण मंदिर है। इसका निर्माण 1988 में हुआ था। विशाल परिसर में बना संगमरमर का यह मंदिर बहुत ही लुभावना व अति सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान लक्ष्मी नारायण की बहुत ही सुंदर प्रतिमा स्थापित है।

Jyoti

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