इस स्थान पर हनुमान जी ने फेंका था अलौकिक पिंड!

Saturday, May 01, 2021 - 06:56 PM (IST)

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शनिवार के दिन शनिदेव के साथ-साथ हनुमान जी की आरधना भी जाती है। धार्मिक मान्यताएं तो ये हैं कि अगर शनि देन की प्रसन्न करना हो तो व्यक्ति हनुमान जी की अर्चना करनी लाभदायक मानी जाती है। इसी के मद्देनजर आज शनिवार के दिन एक ऐसे शनि मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका संबंध पवनपुत्र हनुमान जी से है। यूं तो देश में भगवान शनिदेव के कई चमत्कारी मंदिर व पीठ हैं, मगर महाराष्ट्र के गांव शिंगणापुर में जो इनका मंदिर उसकी खासियत अलग ही है, धार्मिक मान्यताएं हैं कि इस मंदिर में शनि देव का जन्म हुआ था। इसके अलावा इनका एक मंदिर उत्तरप्रदेश के कोशी से 6 कि.मी दूर कौकिला वन में स्थित है, तथा शनिश्चरा मंदिर नामक एक मंदिर मध्यप्रदेश के ग्वालियर के पास स्थित है। इसी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं ग्वालियर के पास स्थित है शनि मंदिर के बारे में-

मंदिर से जुड़ी किंवदंती के अनुसार त्रेतायुग में यहां हनुमान जी के द्वारा लंका से फेंका हुआ अलौकिक शनिदेव का पिण्ड है, जिस कारण इसे शनिदेव का सिद्धपीठ माना जाता है। प्रत्येक वर्ष यहां शनिशचरी अमावस्या के दिन विशाल मेला लगता है, जिस दौरान श्रद्धालु भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, झांसी, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर सहित मध्यप्रदेश के कोने-कोने से आते हैं। हालांकि फिलहाल कोरोना के चलते इस यहां रोज़ाना जमा होने वाली भीड़ में कटौती नजर आ रही है। पड़ोस के राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पंजाब हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र से भी शनि की शांति के लिए हजारों लोग शनि मेले में दर्शन को आते हैं और दान पुण्य, पूजा-पाठ व हवन यज्ञ व भंडारा करके पुण्य कमाते हैं।

भक्तजन यहां तेल चढ़ाते हैं, और अपने पहने हुए कपड़े, चप्पल, जूते आदि सभी यहीं छोड़कर घर चले जाते हैं। इससे जुड़ी मान्यता के अनुसार कि ऐसा करने से जातक को पाप और दरिद्रता से छुटकारा मिल जाता है। कहा जाता है कि यह शनिश्चरा मंदिर त्रेतायुगीन से है, जिस कारण आज भी पूरे भारत वर्ष में यह प्रसिद्ध है। मुरैना जिले में स्थित इस मंदिर की ग्वालियर से मात्र 18 किलोमीटर दूरी है। ऐंती पर्वत पर स्थित यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। लोक मान्यता है कि इस शनि सिद्धपीठ के दर्शन करने से शनि के दण्ड से बचा जा सकता है।
 

Jyoti

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