धन के साथ कभी न करें ऐसा वरना चाहकर भी नहीं रोक पाएंगे अपनी बर्बादी

Thursday, Sep 19, 2019 - 04:18 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जिंदगी जीने के लिए धन का होना आवश्यक है। दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो इसके बिना यानि पैसों के बिना अपना जीवन व्यतीत कर सके। क्योंकि ऐसा तो सोच पाना मुश्किल है शायद। इसी के चलते हर को अपनी लाइफ में अधिक से अधिक धन कमाकर जमा करना चाहते हैं परंतु ये करना इतना आसान नहीं होता। क्योंकि जितना धन कमाना मुश्किल है उतना ही उसे संभालना। इसी के चलते लोग अपने ज्यादा ये ज्यादा धन को जमा करके रखने चाहते हैं। मगर हमारे शास्त्रो की मानें तो जो लोग अपने जीवन में धन कमाने के साथ-साथ उसे रोककर रखने में लगे रहते हैं, तो ऐसी स्थिति में उनका सारा का सारा धन किसी न किसी रूप में नष्ट हो जाता है। जिस कारण जिंदगी भर पछताने के अलावा इंसान के पास कोई और चारा नहीं बचता। तो आपको बता दें ऐसे में आपको इससे जी एक बात जानने की बहुत जरूरत है। क्योंकि ज़ाहिर सी बात है कि आप धन को रोक कर रखने के चक्कर में अपना सारा जमा किया हुआ धन खोना नहीं चाहेंगे। बता दें वास्तु शास्त्र में इन बातों का नियम मिलता है।

हिंदू धर्म के शास्त्रों में एक श्लोक वर्णित है जो इस प्रकार है-
दानं भोगो नाशस्तिस्त्रो गतयो भवन्ति वित्तस्य।
यो न ददाति न भुङ्क्ते तस्य तृतीया गतिर्भवति॥

इस श्लोक का अर्थात है- धन की तीन ही गति होती है। यानि जो धन के साथ ये काम नहीं करते उनके धन का नाश तय है।

शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी का स्वभाव चंचल होता है। वह एक स्थान पर कभी रुककर नहीं रहती । जो इन्हें रोक कर रखना चाहता है उस पर ये रुष्ट हो जाती हैं और उस पर से इनका आशीर्वाद भरा हाथ भी नहीं रहता। इसलिए इन्हें रोककर रखने की भूल न करें।

अगर आप अपने धन को बचाना चाहते हैं यानि नष्ट होने से रोकना चाहते हैं तो इसके केवल दो तरीके हैं या तो आप धन का दान करें। यानि धन का लेन-देन करें। जरुरतमंदों को दें। या तो धन को सुख-भोग में उपयोग करें।

जिनके पास ढेर सारा धन होता है, वो धन का उपभोग नहीं करते, अपने धन को दान धर्म के कार्यो में खर्च नहीं करते, उनका धन तेज़ी से नष्ट होता है। इसलिए जितना हो सके धन का सदुपयोग करना चाहिए।

Jyoti

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