Monday special: आज शिव शक्ति को खिलाएं ये मिष्ठान, बनेगा हर बिगड़ा काम

Monday, Apr 25, 2022 - 07:48 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Monday special: शास्त्रों में चन्द्रमा को भगवान शंकर के मस्तक पर स्थान प्राप्त है और देवी गौरी को भू चन्द्र स्वरूप के कुंद पुष्प की ख्याती प्राप्त है अत: गौरी और शंकर दोनों चन्द्रमा से प्रेरित हैं। शास्त्रों में ग्रहों से संबंधित कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ बताए गए हैं जिनका भोग लगाने, दान करने और खाने से निश्चित ग्रह और देवता प्रसन्न हो जाते हैं। चन्द्रमा से संबंधित एक ऐसा व्यंजन है जिसको शास्त्रों में भोजन में खाने और भगवान को अर्पित करने हेतु सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यह खास भोजन दूध और चावल से बनी खीर है।


चावल को शास्त्रों में अक्षित कहा गया है अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं होता तथा गाय के दूध को शास्त्रों में अमृत कहा गया है क्योंकि गाय में 36 कोटी देवी-देवता विराजते हैं। दूध और चावल से बनी खीर शुद्ध रूप से अमृत है तथा इसी को शास्त्रों ने क्षीर सागर कहा है। यह वो स्थान है जहां भगवान नारायण विराजित रहते हैं। खीर का शिवलिंग पर अभिषेक करने से तथा देवी गौरी पर प्रसाद रूप में अर्पण करने से चन्द्रमा से संबंधित दोष शांत होते हैं, मानसिक सुख-शांति रहती है, घर-परिवार में प्रेम और सौहार्द का वातावरण बनता है तथा संचित धन में वृद्धि होती है।


सोमवार के दिन अक्षत और दूध के गाय में बनी खीर में शतावरी मिलाकर खाने से शिव शक्ति पर भोग चढ़ाकर वितरित करने से अनको-अनेक लाभ होते हैं। जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।

घर के सभी सदस्य प्रदोषकाल में इकट्ठे होकर भगवान शिव की आरती करें, खीर का भोग लगाएं और मिलकर सेवन करें। हर सोमवार को ऐसा करने से परिवार में प्रेम और सौहार्द बना रहता है। गृह कलेश से सदा-सदा के लिए छुटकारा मिलता है। 

Niyati Bhandari

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