मोक्षदा एकादशीः आज इस मुहूर्त में करें पूजा, मिलेगी भगवान विष्णु की कृपा

Sunday, Dec 08, 2019 - 08:45 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। जो इस बार दिसंबर माह की 08 दिनांक यानि आज मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से इंसान को अपने मानसिक विकारों से मुक्ति मिलती है तथा सभी तरह के पाप नष्ट होते हैं। बता दे मोक्षदा एकादशी को मानस रोग निवरिणी एकादशी, मोक्षदायिनी एकादशी, मोहनाशक एकादशी, शुद्धा एकादशी आदि नामों से जाना जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने का विधान है। धार्मिक ग्रंथों में मोक्षदा एकादशी की महत्वता का एक मुख्य कारण इस दिन श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का उपदेश देना है। जिस कारण मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हर वर्ष गीता जयंती मनाई जाती है। एकादशी तिथि के समान इस दिन लोग गीता जयंती का व्रत भी रखते हैं और भगवान श्री कृष्ण की पूजा भी करते हैं।

एकादशी का महत्व
आज कल प्रत्येक मनुष्य के अंदर कई प्रकार की बीमारियों ने घर रखा है। तो ऐसे में कहां जाता है जो व्यक्ति मोक्षदा एकादशी का व्रत रखता है उसे अपने हर तरह के रोग से निजात मिलती है। साथ ही साथ मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से कई तर​ह के मानसिक रोग दूर होते हैं। बताते चलें की पद्म पुराण में भी बताया गया है कि मोक्षदा एकादशी पापों का नाश करने वाली है।
यहां जाने मोक्षदा एकादशी के व्रत का मुहूर्त, पारण समय तथा व्रत विधि:-

व्रत मुहूर्त
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 07 दिसंबर दिन शनिवार को सुबह 06 बजकर 34 मिनट पर हो रहा है, जो 08 दिसंबर दिन रविवार को सुबह 08 बजकर 29 मिनट तक है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में सूर्योदय के बाद होता है। ऐसे में मोक्षदा एकादशी का व्रत 08 दिसंबर रविवार को रखा जाएगा और पारण 09 दिसंबर दिन सोमवार को होगा।

पारण का समय
एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति के लिए पारण का समय 09 दिसंबर दिन सोमवार को सुबह 07 बजकर 02 मिनट से सुबह 09 बजकर 07 मिनट तक है। पारण द्वादशी का समापन 09 बजकर 54 मिनट पर है।

व्रत विधि
प्रात:काल में उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर व स्नान आदि के बार स्वच्छ वस्त्र धारण करें। सबसे पहले मोक्षदा एकादशी व्रत का संकल्प लें।इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा पूजा स्थल पर स्थापित करके विधिपूर्वक इनकी पूजा अर्चना करें।

 

Jyoti

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