नर्क भोग रहे पूर्वजों को मिलेगी मुक्ति, आपको मिलेगा मोक्ष

Friday, Dec 09, 2016 - 09:22 AM (IST)

कल 11 दिसंबर शनिवार को मोक्षदा एकादशी व्रत है। वैसे तो समस्त एकादशी तिथियों का अपना-अपना महत्व है, लेकिन ये व्रत पापों का नाश करने वाला और मोक्ष प्रदान करने वाला है। इस व्रत के प्रभाव से नरक में दुख भोग रहे पूर्वजो को मुक्ति मिलती है। वैसे तो ये व्रत करना बहुत फलदायक है, यदि ये व्रत नहीं कर सकते तो कथा अवश्य पढ़ें और दूसरों को भी सुनाएं। कथा के बाद हरि नाम संकीर्तन अवश्य करें।


पुरातन काल में गोकुल नगर में वैखानस नाम के राजा राज्य करते थे। एक रात उन्होंने देखा उनके पिता नरक की यातनाएं झेल रहे हैं। उन्हें अपने पिता को दर्दनाक दशा में देख कर बड़ा दुख हुआ। सुबह होते ही उन्होंने राज्य के विद्धान पंडितों को बुलाया और अपने पिता की मुक्ति का मार्ग पूछा। उनमें से एक पंडित ने कहा आपकी समस्या का निवारण भूत और भविष्य के ज्ञाता पर्वत नाम के पंहुचे हुए महात्मा ही कर सकते हैं। अत आप उनकी शरण में जाएं। 

 
राजा पर्वत महात्मा के आश्रम में गए और उनसे अपने पिता की मुक्ति का मार्ग पूछा, "महात्मा ने उन्हें बताया की उनके पिता ने अपने पूर्व जन्म में एक पाप किया था। जिस का पाप वह नर्क में भोग रहे हैं।"

 
राजा ने कहा," कृपया उनकी मुक्ति का मार्ग बताएं।"

 
महात्मा बोले," मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में जो एकादशी आती है। उस एकादशी का आप उपवास करें। एकादशी के पुण्य के प्रभाव से ही आपके पिता को मुक्ति मिलेगी।" 


राजा ने महात्मा के कहे अनुसार व्रत किया उस पुण्य के प्रभाव से राजा के पिता को मुक्ति मिल गई और वह स्वर्ग में जाते हुए अपने पुत्र से बोले, "हे पुत्र! तुम्हारा कल्याण हों, यह कहकर वे स्वर्ग चले गए।"

 
11 दिसंबर को, पारण (व्रत तोडऩे का) समय- 06:37 से 09:01

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय- 09:01

एकादशी तिथि प्रारम्भ- 9 दिसम्बर 2016 को 14:58 बजे

एकादशी तिथि समाप्त- 10 दिसम्बर 2016 को 12:14 बजे

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