1 क्लिक में जानिए मोहिनी एकादशी के शुभ मुहूर्त से लेकर पूजन विधि

Wednesday, May 11, 2022 - 01:08 PM (IST)

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हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बेहद ही खास माना गया है। बता दें कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन श्री हरि ने समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को दानवों से बचाने के लिए मोहिनी रूप धारण किया। मोहिनी एकादशी का व्रत सुख-शांति, मोक्ष व यश प्रदान करती हैं। तो चलिए जानते हैं मोहिनी एकादशी की तिथि, उसके शुभ मुहूर्त व पूजन के बारे में पूरी जानकारी-

मोहिनी एकादशी की तिथि व पूजा का शुभ मुहूर्त- 
एकादशी तिथि का आरंभ 11 मई को रात 07 बजकर 31 मिनट पर होगा और इसका समापन 12 मई शाम 06 बजकर 51 मिनट पर होगा। तो ऐसे में मोहिनी एकादशी का व्रत 12 मई, दिन गुरुवार को रखा जाएगा। तो वही पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। तो व्रत का पारण अगले दिन 13 मई को किया जाएगा। पारण का शुभ मुहूर्त प्रातः 05 बजकर 32 मिनट से सुबह 08 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

आपको बता दें कि ज्योतिष गणना के अनुसार, मोहिनी एकादशी के दिन चंद्रमा कन्या राशि में प्रवेश करेगा। जबकि शनि कुंभ और गुरु की मीन राशि में विराजमान रहेंगे। दो बड़े ग्रह भी अपनी स्वराशि में रहेंगे। ग्रहों की इस विशेष स्थिति से राजयोग के समान योग का निर्माण हो रहा है। जो कि बहुत शुभ है। दूसरी बात आपको बता दें कि मोहिनी एकादशी 12 मई को मनाई जाएगी जिस दिन गुरुवार पड़ रहा है जो कि भगवान विष्णु का प्रिय दिन होता है।

पूजन विधि - 
एकादशी व्रत के दिन सुबह उठें और स्नान आदि करके व्रत का संकल्प लें। स्नान के बाद पूजा स्थल पर बैठकर भगवान विष्णु की मूर्ति पूजा चौकी पर स्थापित करें और घी का दीपक जलाएं। भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी का भी पूजन करें। फिर रोली, मोली, पीले चन्दन, अक्षत, पीले पुष्प, ऋतुफल, मिष्ठान आदि अर्पित करके श्री हरि की आरती उतारें। आरती के बाद भगवान विष्णु को भोग लगाएं। मोहिनी एकादशी व्रत की कथा पढ़ें या सुनें। विष्णु भगवान के भोग में तुलसी जरूर चढ़ाएं। बिना तुलसी के विष्णु भगवान भोग स्वीकार नहीं करते हैं। बता दें कि इस दिन तुलसी व पीपल पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इससे मोहिनी एकादशी का पूरा लाभ मिलता है। फिर इस दिन फलाहारी व्रत रखें। अगले दिन पारण के लिए शुभ मुहूर्त में तुलसी दल खाकर व्रत का पारण करें। उसके बाद ब्राह्मण को भोजन कराकर खुद भी भोजन करें।

चलिए अब जानते हैं इसके महत्व के बारे में- 
मोहिनी एकादशी व्रत के महत्व का वर्णन पुराणों में भी मिलता है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस व्रत से व्यक्ति को जन्म-जन्मान्तरों के पापों से मुक्ति मिलती है। यदि किसी व्यक्ति से जाने-अनजाने में कोई पाप हो गया हो तो कहा जाता है कि इस व्रत से इन पापों से छुटकारा मिल जाता है। इस व्रत के दिन दान का भी महत्व है। भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद जरूरतमंदों को भोजन कराने से श्री हरि की अपार कृपा प्राप्त होती है। मोक्ष दायिनी मोहिनी एकादशी का व्रत व्यक्ति को मोक्ष प्रदान करती है। मोहिनी एकादशी व्रत को करने से व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा आती है जो उसे निरोग बनाने में सहायक होती है साथ ही इस व्रत से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।

Jyoti

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