कर्म करने और कष्ट सहने से ही देश परम वैभव को प्राप्त करेगा: भागवत

Wednesday, Nov 09, 2022 - 08:58 AM (IST)

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बक्सर (वार्ता): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि हम सभी को अपने लक्ष्य हेतु कर्म करना व कष्ट सहना पड़ेगा तब जाकर राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त करेगा। 

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डा. भागवत ने यहां अहिरौली स्थित माता अहिल्या धाम में आयोजित सनातन संस्कृति समागम के दूसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय संत सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य, जगत गुरु लक्ष्मीप्रपन्ना जीयर स्वामी, जगत गुरु स्वामी अंताचार्य तथा केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 

मुख्यातिथि डा. भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि संत दूसरे के लिए कार्य करते हैं। उनके मन में अपने लिए कुछ भी नहीं रहता है, इसीलिए संतों की इच्छा और वाणी का सम्मान ईश्वर भी रखते हैं। उन्होंने कहा कि इच्छा पूर्ण करने के लिए कर्म तथा पुरुषार्थ करना पड़ता है। त्याग करना पड़ता है। 

श्री राम ने अपने जीवन में ये सभी कार्य किए हैं। वह चाहते तो एक क्षण में रावण की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे, मगर समाज को संदेश देने के उद्देश्य से श्री राम ने अपने सभी सुखों का त्याग किया। सभी लोगों को आगे करने का कार्य किया। उनके साथ सभी को कर्म करना पड़ा। कष्ट सहना पड़ा तब जाकर इस धरती को रावण जैसे कई दुष्टों से मुक्ति मिली। 

संत रामभद्राचार्य जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि बक्सरवासियो अब याचना नहीं रण होगा, संग्राम बड़ा भीषण होगा। राष्ट्रीय समस्याओं पर सभी संतों का एकमत होना चाहिए। कुछ लोग धर्म परिवर्तन करा रहे हैं, हमें अब परावर्तन करने का कार्य करना चाहिए।

Niyati Bhandari

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