Mauni shani Amavasya: एक साथ बन रहा है मौनी और शनि अमावस्या का शुभ योग, पढ़ें पूरी जानकारी

Friday, Jan 20, 2023 - 12:26 PM (IST)

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Mauni shani Amavasya 2023: कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या तिथि कहते हैं। हर वर्ष माघ महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। मौनी अमावस्या पर स्नान और दान कर पुण्य अवश्य कमाना चाहिए। ज्योतिष विज्ञान के रचियता और कर्म सिद्धांत की भी रचना करने वाले महार्षि भृगु जी महाराज ने अपने ग्रंथ श्री भृगु संहिता में कहा है कि - विशेष दिन में विषेश समय पर किया गया दान, पुण्य कर्म इत्यादि बहुगुणा प्रभाव प्रदान करते हैं। इस बार मौनी और शनि अमावस्या एक ही दिन पर आकर एक विषेश प्रभाव बनाती हैं। हमारे वैदिक शास्त्रों के अनुसार शनि अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन शनि देव का कुम्भ राशि में विचरण करने के कारण एक ऐसा दुर्लभ योग बन रहा है। जो कि 30 वर्षों के बाद बन रहा है, जिसे ज्योतिषीय संर्दभ में खप्पर योग की संज्ञा दी गयी है। जिसके अन्तर्गत जिन राशियों पर शनि का सकारात्मक प्रभाव है तो वह और सकारात्मक हो जाएगा और जिन पर नकारात्मक प्रभाव है उनकी नकारात्मकता और बढ़ सकती है। कुछ शुभ कर्म करके उन शुभ कर्मों के प्रभाव से उस नकारात्मक प्रभाव को कम या समाप्त भी किया जा सकता है।



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Mauni shani Amavasya shubh muhurat:  पंचाग के अनुसार यह मौनी और शनि अमावस्या इस वर्ष 21 जनवरी 2023 को सुबह 6 बजकर 16 मिनट से आरम्भ हो जाएगी और 22 जनवरी 2023 को प्रातः 2 बजकर 21 मिनट तक रहेगी। उदया तिथिनुसार अमावस्या तिथि 21 जनवरी 2023 को ही मनायी जाएगी। इस अमावस्या पर शनिदेव की पूजा-अर्चणा करने का विशेष मुहूर्त सांयकाल 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।



Mauni shani Amavasya: इस दिन शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुम्भ में स्थित रहेंगे। उसके साथ-साथ चार अन्य योग भी बन रहे हैं खप्पन योग, चतुग्रही योग, षडाष्टक योग और समसप्तक योग भी बन रहा है। शनि ग्रह हर ढाई वर्ष में राशि परिवर्तन करता है। इन ढाई वर्षों में शनि कभी अस्त, वक्री तो कभी मार्गी अवस्था में रहता है। इस बार शनि ने मौनी अमावस्या से ठीक चार दिन पहले ही कुम्भ राशि में प्रवेश किया है। जिसका प्रभाव शनि प्रभावी राशियों पर अवश्य ही पड़ेगा।



Mauni shani Amavasya puja snan vidhi: मौनी अमावस्या पर पूजन व स्नान विधि - इस दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करने के पश्चात पवित्र नदियों व सरोवर इत्यादि में स्नान करें, अगर यह संभव न हो तो घर में पानी में गंगाजल मिलाकर ही स्नान अवश्य करें। इसके प्श्चात जितना संभव हो सके मौन रहने का संकल्प लें। शनि अमावस्या भी इसी ही दिन होने के कारण आप इस दिन गरम कंबल या गरम वस्त्र, अन्न, धन, कौढ़ियों या जरूरतमंदों को दवाई वितरण, काले उड़द, छाया पात्र दान, पितरों का तर्पण इत्यादि शुभ कर्म करने से जो पुण्य की प्राप्ति होगी उसके प्रभाव से जिन पर भी शनि का नकाारात्मक प्रभाव है, वह कम हो सकता है और जिन पर शनि का सकारात्मक प्रभाव है, उन पर शनि की सकारात्मक कृपा और अधिक बढ़ सकती है।

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

 

Niyati Bhandari

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