मौनी अमावस्या 2021: पितरों को करना है प्रसन्न तो करें ये छोटा सा उपाय

Wednesday, Feb 10, 2021 - 01:00 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
11 फरवरी, गुरुवार के दिन मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। यूं तो साल में पड़ने वाली प्रत्येक अमावस्या शुभ होती है। परंतु माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या अत्यंत शुभकारी मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अमावस्या तिथि पर दान, स्नान तथा अन्य शुभ कार्य करने से दोगुना लाभ मिलता है। इसके अलावा इस दिन तिल की बनी वस्तुओं का दान करना तथा मौन व्रत करने का भी विधान है। 

इतना ही नहीं अमावस्या तिथि के दिन पितर तपृण करने की भी परंपरा है। मगर कैसे इस बारे में बहुत कम लोग अवगत हैं। तो अगर आप नहीं जानते कि कैसे अपने कुंडली में मौजूद पितृ दोष हो तो किन असान से उपायों को करने के बाद उससे मुक्ति पाई जा सकती है। आइए जानते हैं ये खास उपाय- 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए इस दिन जो भी कार्य किया जाता है उसे मौन रहकर करना चाहिए। 
मौनी अमावस्या के दिन प्रातः उठकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। ध्यान रहें इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने वाले जल में तिल जरूर मिलाएं। 

मौनी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सफ़ेद रंग का कोई भी मिष्ठान अर्पित करें और पीपल की 108 बार परिक्रमा करें। 

इस दिन अपनी क्षमता अनुसार गरीबों में जरूरत की चीज़ों बाटें। खासतौर पर इस तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल और वस्त्र जैसी चीज़ें दान करने की कोशिश करें, इससे अधिक लाभ प्राप्त होता है। 

वास्तु के अनुसार इस तरह करें पितृ दोष का निवारण-
वास्तु शास्त्री बताते हैं कि इस दिन यानि मौनी अमावस्या को अपने घर की दक्षिण दिशा की ओर सफेद वस्त्र पर थोड़े से तिल रखें, उसके ऊपर पीतला या तांबे का एक पित्र यंत्र स्थापित कर दें। 

इसके बाद बाई तरफ पितरों के लिए तिल के तेल का दीपक जलाएं। जल से भरा एक स्टील का लौटा मध्य में रखें और इसके ऊपर स्टील की प्लेट और उस पर तिल लगी रोटी रख दें। 

फिर इसके ऊपर एक तुलसी का पत्ता, एक सफेद फूल रखकर चंदन से तिलक करें। आखिर में इस रोटी के चार भाग कर एक टुकड़ा कुत्ते को खिलाएं, दूसरा टुकड़ा गाय को खिलाए, तीसरा टुकड़ा कौवे को खिलाएं और चौथा टुकड़ा के पेड़ के नीचे रखें। 
 

Jyoti

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