मौनी अमावस्या पर है गंगा स्नान का खास महत्व

Tuesday, Jan 21, 2020 - 10:26 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में माघ का महीना बहुत ही पवित्र बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार माघ के महीने में हर दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना बेहद फलदायक माना गया है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति किसी कारण पूरे माह स्नान नहीं कर पाता तो कुछ विशेष तिथियों पर स्नान करना अनिवार्य होता है। जैसे कि माघ पूर्णिमा व अभी जो आने वाली तिथि अमावस्या तिथि, इन खास तिथियों पर स्नान किया जा सकता है। 
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पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन प्रजापति ब्रह्माजी ने मनु और शतरूपा को प्रकट करके सृष्टि की रचना का आरंभ किया था। इसी कारण यह तिथि सृष्टि की रचना के शुभारंभ के रूप में भी जानी जाती है। इस दिन मौन धारण करके स्नान, दान, तप एवं शुभ आचरण करने से व्रती को मुनिपद की प्राप्ति होती है।
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गंगा स्नान का महत्व
शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन सभी पवित्र नदियों और गंगा का जल अमृत के समान हो जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल मिलता है। मौनी अमावस्या के दिन व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान, पुण्य तथा जाप करने चाहिए। यदि किसी व्यक्ति की सामर्थ्य त्रिवेणी के संगम अथवा अन्य किसी तीर्थ स्थान पर जाने की नहीं है तब उसे अपने घर में ही प्रात: काल उठकर सूर्योदय से पूर्व स्नान आदि करना चाहिए, गंगा जल ग्रहण करे। स्नान करते हुए मौन धारण करें और जाप करने तक मौन व्रत का पालन करें। इससे चित्त की शुद्धि होती है एवं आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है। 

Lata

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