Mauni Amavasya 2021: ये है शुभ मुहूर्त, हर काम में सफलता देंगे ये उपाय

Tuesday, Jan 19, 2021 - 02:02 AM (IST)

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Mauni Amavasya 2021 date, time, shubh muhurat, Magh Amavasya vrat niyam and significance: हमारे शास्त्रों में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। मौनी अमावस्या के दिन सूर्य तथा चन्द्रमा गोचरवश मकर राशि में आते हैं इसलिए यह दिन एक संपूर्ण शक्ति से भरा हुआ और पावन अवसर बन जाता है। मकर राशि, सूर्य तथा चन्द्रमा का योग इसी दिन होने से इस अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है।

Mauni Amavasya shubh muhurat: इस बार मोनी अमावस्या 11 फरवरी को आ रही है। इस दिन 1:10 48 सेकंड से यह अमावस्या आरंभ होगी और 12 फरवरी को तड़के 12:37 मिनट 12 सेकंड पर समाप्त होगी।

फरवरी 11, 2021 को 01:10:48 से अमावस्या आरम्भ।
फरवरी 12, 2021 को 00:37:12 पर अमावस्या समाप्त।


Magh Amavasya vrat niyam and significance: इस दिन मनु ऋषि का जन्म भी माना जाता है। इसलिए भी इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मुनि शब्द से मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस दिन मौन रहने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन मनुष्य को मौन रहना चाहिए और पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना चाहिए।  माघ मास की अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

Mauni Amavasya Rituals and Significance: शास्त्रों में माघ अमावस्या के दिन मौन रहने का विशेष महत्व बताया गया है।  इस व्रत का अर्थ है कि व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों को अपने वश में रखना चाहिए। धीरे-धीरे अपनी वाणी को संयत करके अपने वश में करना ही मौन व्रत है। कई लोग इस दिन से मौन व्रत रखने का प्रण करते हैं। यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है कि कितने समय के लिए वह मौन व्रत रखना चाहता है।

Magha Amavasya: अगर मौन रहना संभव न हो तो माघ अमावस्या के दिन कटु वचनों को नहीं बोलना चाहिए। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है। अमावस्या के दिन चंद्र देव के दर्शन नहीं होते हैं। इससे मन की स्थिति कमजोर रहती है। इसलिए अमावस्या के दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम में रखने का विधान बताया गया है।

Mauni Amavas : मौनी अमावस्या को स्नान आदि करने के बाद मौन व्रत रखकर एकांत स्थल पर जाप आदि करना चाहिए। इससे चित्त की शुद्धि होती है। आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है। मौनी अमावस्या के दिन भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा की जाती है।

Magh Amavasya significance: मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल मिलता समान है।

Magh Amavasya upay: समुद्र मंथन के समय देवताओं और असुरों के मध्य संघर्ष में जहां-जहां अमृत गिरा था, उन स्थानों पर स्नान करना पुण्य कर्म माना जाता है। इस दिन नर्मदा, गंगा, सिंधु, कावेरी सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान, दान, जप और अनुष्ठान करने से कई दोषों का निवारण होता है।

Importance of bath on maghi: जो लोग घर पर स्नान करके अनुष्ठान करना चाहते हैं, उन्हें पानी में थोड़ा-सा गंगा जल मिलाकर तीर्थों का आह्वान करते हुए स्नान करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन सूर्यनारायण को अर्घ्य देने से गरीबी और दरिद्रता दूर होती है।

Magh Amavasya Daan: इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए। गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं।

अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौशाला में गाय के लिए भोजन का दान करें।

अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं।

Magh Amavasya vrat: हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Mauni Amavasya in February 2021: इस दिन ब्रह्मदेव और गायत्री का भी पूजन विशेष फलदायी होता है। अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी परिक्रमा करें। जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है या जन्म कुंडली में चंद्रमा नीच का है, उन्हें दूध, चावल, खीर, मिश्री, बताशा दान करने में विशेष फल की प्राप्ति होती है। कुंडली में चंद्रमा कमजोर होने पर गाय को दही और चावल खिलाएं तो मानसिक शांति प्राप्त होगी।

इसके अलावा मंत्र जाप, सिद्धि साधना एवं दान कर मौन व्रत को धारण करने से पुण्य प्राप्ति और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

गुरमीत बेदी  
gurmitbedi@gmail.com

 

 

 

Niyati Bhandari

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