Matangi Jayanti 2021- मैरिड लाइफ की हर समस्या होगी उड़न छू, करें अचूक उपाय

Saturday, May 15, 2021 - 08:46 AM (IST)

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Matangi Jayanti 2021- मातंगी माता 10 महाविद्याओं में से एक हैं। कथाओं के अनुसार मां मातंगी का जन्म भगवान शिव और मां पार्वती के जूठन से हुआ है। मतंग ऋषी की तपस्या के बाद मां पार्वती इनकी पुत्री के रूप में प्रकट हुईं, जिससे की इनका नाम मातंगी पड़ा। मातंगी माता को तंत्र सरस्वती भी कहा जाता है। माता के हाथों में वीणा, पुष्प, वेद, व खड्क होता है। मां का ये रूप बहुत ही करुणामयी, एवं हर प्रकार की इच्छाएं पूर्ण करने वाला है। माता मातंगी को शिव और पार्वती दोनों का अंश माना गया है। इनके मस्तक पर अर्घ्य चंद्र भी विराजित है। कला, नृत्य, वादन और ज्ञान की देवी मातंगी माता को माना गया है। माता का रंग थोड़ा श्याम वर्ण का है परन्तु इनकी आलौकिक अभा से पूरा ब्रह्माण्ड प्रकाशित है। माता पार्वती का रूप होने कारण जो स्त्रियां आज के दिन मातंगी माता का पूजन व ध्यान करती हैं उनको इच्छित वर की प्राप्ति होती है। वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तिथि को माता मतंगी की जयंती मनाई जाती है। इस दिन कन्या पूजन और अनेक विधियों से माता का पूजन करके उन्हें प्रसन्न करें। 

Astrological Remedies for Happy Marriage Life मैरिड लाइफ की हर समस्या होगी उड़न छू, करें अचूक उपाय

माता के करुणामयी रूप का ध्यान करते हुए 108 बिल्व पत्र, 108 ही कमल के पुष्प इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए अर्पित करें। दांपत्य जीवन में चल रही हर समस्या से छुटकारा मिलेगा।

ॐ ही ऐं भगवती मतेंगश्वरी श्रीं स्वाहा।

माता को प्रकृति की देवी माना जाता है। इनकी आराधना से आपके व्यक्तित्व में आकर्षण बनता है। साथी के साथ चल रही परेशानियों से मुक्ति के लिए आज के दिन माता को वरमाला, कुमकुम, एवं सुगंधी चढ़ाएं। पुष्प से श्रृंगार करने पर देवी अत्यंत प्रसन्न तो होती ही हैं, इच्छित वर भी देती हैं।

यदि आपके जीवन में आर्थिक समस्या के कारण रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं तो आपको माता को अनार अर्पित करते हुए कमल गट्टे की माला पर इन मन्त्रों का उच्चारण करना चाहिए-
ॐ हीं हीं हीं महा मातंगी प्रचिती दायिनी, लक्ष्मी दायिनी नमो नमः

आज छोटी कन्याओं का पूजन करें। उन्हे भोजन कराएं। पुस्तकें एवं खिलौने दान करने पर सुख की प्राप्ति होती है।

मातंगी माता का पूजन करने पर आपके अंदर सौंदर्य और तेज की वृद्धि होती है। अपने अजना चक्र में माता के अलौकिक रूप का ध्यान करें। योगाभ्यास करते समय इनकी दिव्यता को अनुभव करें। माता के तीसरे नेत्र से विश्व को प्रकाशित करने वाली ऊर्जा निकलती है। उसका ध्यान करें और देखें कि आपके अंदर सारी नकारात्मकता दूर हो गई है। मतांगी माता की अपार शक्ति से आपके समस्त दुख व्याधियां दूर हो जाती हैं।

नीलम
neelamkataria0012@gmail.com

Niyati Bhandari

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