Masik Karthigai: हर मासिक कार्तिगई पर करें ये आसान उपाय, भगवान कार्तिकेय प्रसन्न होकर देंगे सौभाग्य का वरदान

punjabkesari.in Sunday, Jul 20, 2025 - 04:00 AM (IST)

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Masik Karthigai:  हिंदू धर्म में भगवान कार्तिकेय को युद्ध, शक्ति और विजय के देवता माना जाता है। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं और दक्षिण भारत सहित भारत के कई हिस्सों में इनकी विशेष आराधना की जाती है। मासिक कार्तिगई एक विशेष अवसर होता है जब भगवान कार्तिकेय की पूजा करके भक्त सुख-समृद्धि, विजय और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति करते हैं। यह पर्व विशेष रूप से भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है। इस दिन उपवास, दीपदान और विशेष पूजा के माध्यम से भगवान से कृपा प्राप्त की जाती है। इस दिन महादेव के पुत्र के नामों का जाप किया जाए तो जीवन की सारी परेशानियां बहुत जल्दी दूर हो जाती हैं।

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भगवान कार्तिकेय के 108 नाम

ॐ ब्रह्मवादिने नमः।
ॐ ब्रह्मणे नमः।
ॐ ब्रह्मब्राह्मणवत्सलाय नमः।
ॐ ब्रह्मण्याय नमः।
ॐ ब्रह्मदेवाय नमः।
ॐ ब्रह्मदाय नमः।
ॐ ब्रह्मसंग्रहाय नमः।
ॐ पराय नमः।
ॐ परमाय तेजसे नमः।
ॐ मङ्गलानाञ्च मङ्गलाय नमः।
ॐ अप्रमेयगुणाय नमः।
ॐ मन्त्राणां मन्त्रगाय नमः।
ॐ सावित्रीमयाय देवाय नमः।
ॐ सर्वत्रैवापराजिताय नमः।
ॐ मन्त्राय नमः।
ॐ सर्वात्मकाय नमः।
ॐ देवाय नमः।
ॐ षडक्षरवतां वराय नमः।
ॐ गवां पुत्राय नमः।
ॐ सुरारिघ्नाय नमः।
ॐ सम्भवाय नमः।
ॐ भवभावनाय नमः।
ॐ पिनाकिने नमः।
ॐ शत्रुघ्ने नमः।
ॐ कूटाय नमः।
ॐ स्कन्दाय नमः।
ॐ सुराग्रण्ये नमः।
ॐ द्वादशाय नमः।
ॐ भुवे नमः।
ॐ भुवाय नमः।
ॐ भाविने नमः।
ॐ भुवःपुत्राय नमः।
ॐ नमस्कृताय नमः।
ॐ नागराजाय नमः।
ॐ सुधर्मात्मने नमः।
ॐ नाकपृष्ठाय नमः।
ॐ सनातनाय नमः।
ॐ हेमगर्भाय नमः।
ॐ महागर्भाय नमः।
ॐ जयाय नमः।
ॐ विजयेश्वराय नमः।
ॐ कर्त्रे नमः।
ॐ विधात्रे नमः।
ॐ नित्याय नमः।
ॐ अनित्याय नमः।
ॐ अरिमर्दनाय नमः।
ॐ महासेनाय नमः।
ॐ महातेजसे नमः।
ॐ वीरसेनाय नमः।
ॐ चमूपतये नमः।
ॐ सुरसेनाय नमः।
ॐ सुराध्यक्षाय नमः।
ॐ भीमसेनाय नमः।
ॐ निरामयाय नमः।
ॐ शौरये नमः।
ॐ यदवे नमः।
ॐ महातेजसे नमः।
ॐ वीर्यवते नमः।
ॐ सत्यविक्रमाय नमः।
ॐ तेजोगर्भाय नमः।
ॐ असुररिपवे नमः।
ॐ सुरमूर्तये नमः।
ॐ सुरोर्जिताय नमः।
ॐ कृतज्ञाय नमः।
ॐ वरदाय नमः।
ॐ सत्याय नमः।
ॐ शरण्याय नमः।
ॐ साधुवत्सलाय नमः।
ॐ सुव्रताय नमः।
ॐ सूर्यसङ्काशाय नमः।
ॐ वह्निगर्भाय नमः।
ॐ रणोत्सुकाय नमः।
ॐ पिप्पलिने नमः।
ॐ शीघ्रगाय नमः।
ॐ रौद्रये नमः।
ॐ गाङ्गेयाय नमः।
ॐ रिपुदारणाय नमः।
ॐ कार्तिकेयाय नमः।
ॐ प्रभवे नमः।
ॐ क्षान्ताय नमः।
ॐ नीलदंष्ट्राय नमः।
ॐ महामनसे नमः।
ॐ निग्रहाय नमः।
ॐ निग्रहाणां नेत्रे नमः।
ॐ दैत्यसूदनाय नमः।
ॐ प्रग्रहाय नमः।
ॐ परमानन्दाय नमः।
ॐ क्रोधघ्नाय नमः।
ॐ तारकोच्छिदाय नमः।
ॐ कुक्कुटिने नमः।
ॐ बहुलाय नमः।
ॐ वादिने नमः।
ॐ कामदाय नमः।
ॐ भूरिवर्धनाय नमः।
ॐ अमोघाय नमः।
ॐ अमृतदाय नमः।
ॐ अग्नये नमः।
ॐ शत्रुघ्नाय नमः।
ॐ सर्वबोधनाय नमः।
ॐ अनघाय नमः।
ॐ अमराय नमः।
ॐ श्रीमते नमः।
ॐ उन्नताय नमः।
ॐ अग्निसम्भवाय नमः।
ॐ पिशाचराजाय नमः।
ॐ सूर्याभाय नमः।
ॐ शिवात्मने नमः।
ॐ सनातनाय नमः।

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भगवान कार्तिकेय को प्रसन्न करने के उपाय

कार्तिगई के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। शारीरिक और मानसिक शुद्धता के साथ भगवान की आराधना करें। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान की सफाई करें।

अगर आपके घर में भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या चित्र नहीं है, तो इस दिन उसे लाकर पूजा स्थान में रखें। पूजा करते समय उनके बालरूप (बालक कार्तिकेय) या सिंह पर सवार योद्धा रूप का ध्यान करें।

मासिक कार्तिगई का एक विशेष पहलू दीपदान है। इस दिन तेल का दीपक जलाना बहुत शुभ होता है। आप तिल के तेल या घी का दीपक भगवान के सामने जलाएं। कहा जाता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।

भगवान कार्तिकेय को लाल फूल जैसे गुड़हल और कमल अत्यंत प्रिय हैं। पूजा में इन फूलों को अर्पित करें। साथ ही केले, गुड़, नारियल और पंचामृत का भोग लगाएं।

पूजा के अंत में भगवान कार्तिकेय की कथा सुनें या पढ़ें। इसके बाद श्री स्कंद स्तोत्र’ का पाठ करें। आरती में कपूर जलाकर घंती बजाएं और सभी सदस्यों को आरती में सम्मिलित करें।

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Content Editor

Prachi Sharma

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