Masik Durga Ashtami 2020: आज ऐसे करें देवी दुर्गा की पूजा

Tuesday, Dec 22, 2020 - 11:59 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी दुर्गा की पूजा का विधान होता है। यही कारण है कि लोग इस खास अवसर पर देवी दुर्गा के मंदिरों में जाकर विधि वत पूजा करते हैं। बता दें समस्त दुर्गाष्टमी मुख्य दुर्गाष्टमी को महाष्टमी कहा जाता है। मान्यता है ये महाष्टमी अश्विन मास के नवरात्रों के दौरान पड़ती है। परंतु ज्योतिषी बताते हैं कि जिस तरह महाष्टमी का अधिक महत्व है। ठीक वैसे ही मासिक दुर्गाष्टमी के दिन को भी काफी खास माना जाता है। तो आइए जानते हैं इस दिन शुभ मुहूर्त के साथ इससे जुड़ी पौराणिक कथा और व्रत विधि-  

दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त-
मार्गशीर्ष, शुक्ल अष्टमी
प्रारम्भ – 16:14, दिसम्बर 21
समाप्त – 18:14, दिसम्बर 22

दुर्गाष्टमी की कथा
प्राचीन समय में पृथ्वी पर असुर बहुत शक्तिशाली हो गए थे और वे स्वर्ग पर चढ़ाई करने लगे। उन्होंने कई देवताओं को मार डाला और स्वर्ग में तबाही मचा दी। इन सबमें सबसे शक्तिशाली असुर महिषासुर था. भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने शक्ति स्वरूप देवी दुर्गा को बनाया. हर देवता ने देवी दुर्गा को विशेष हथियार प्रदान किया। इसके बाद आदिशक्ति दुर्गा ने पृथ्वी पर आकर असुरों का वध किया। मां दुर्गा ने महिषासुर की सेना के साथ युद्ध किया और अंत में उसे मार दिया। उस दिन से दुर्गा अष्टमी का पर्व प्रारम्भ हुआ। 

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत विधि
प्रातः स्नान करके शुद्ध हो जाएं, फिर पूजा के स्थान को गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि करें। 

इसके पश्चात लकड़ी के पाट पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर लें।

फिर माता को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, फिर प्रसाद के रूप में आप फल और मिठाई चढ़ाएं अब धूप और दीपक जलाएं।

दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर माता की आरती करें।

हाथ जोड़कर देवी से प्रार्थना करें माता आपकी इच्छा जरूर पूरी करेंगी।

Jyoti

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