झट मंगनी पट शादी करना चाहते हैं तो सोमवार के दिन करें ये उपाय

Sunday, Jan 15, 2017 - 12:55 PM (IST)

हर माता-पिता को अपने जवान हुए बच्चों के विवाह की चिंता सताती रहती है। बहुत प्रयास करने के बाद भी बच्चों का विवाह नहीं होता। ऐसा होने पर कुछ उपायों को करने से विवाह में आ रही बाधाअों से मुक्ति पाई जा सकती है। झट मंगनी पट शादी करवाने वाले लड़का-लड़की दोनों इन उपायों को कर सकते हैं। प्रेम विवाह करने वाले भी इन उपायों को अपना सकते हैं, अवश्य लाभ प्राप्त होगा। 

 

भगवान शिव का पूजन
हर माह में कृष्ण पक्ष अौर शुक्ल पक्ष होता है। शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को भगवान शिव का व्रत रखें। श्वेतार्क के वृक्ष की धूप, दीप से पूजन करके इसके आठ पत्तों को लेकर सात पत्तों से थाली तैयार करें। आठवें पत्ते में अपना नाम लिखकर भगवान शिव को अर्पित करें। जब तक शादी की बात पक्की नहीं होती ये उपाय करते रहें। ऐसा करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं अौर मनचाहा जीवन साथी मिलता है।   

 

लड़का-लड़की दोनों कर सकते हैं ये उपाय
दान करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं अौर ग्रह भी शांत रहते हैं। सोमवार के दिन लड़का-लड़की एक किलो 200 ग्राम चने की दाल अौर सवा लीटर दूध किसी जरुरतमंद को दान में दें। ये उपाय तब तक करते रहें जब तक विवाह पक्का न हो जाएं। 

 

लड़की की शादी में आ रही बाधा को दूर करें ये उपाय
शादी की बात बनते-बनते रह जाए तो लड़की को उस समय जब उसके पिता, भाई या अन्य रिश्तेदार उसकी शादी की बात करने जा रहे हों तो वह अपने बाल खुले रखें। उस दिन लाल वस्त्र पहन कर शादी की बात करने जा रहे लोगों को मिठाइ खिलाएं। विवाह की बात करने वाले वापिस न आ जाए तब तक लड़की अपने बाल खुले रखें। ऐसा करने से अवश्य लाभ होगा। 

 

लड़कों के विवाह में हो रही हो देरी तो करें ये उपाय
लड़कों के विवाह में बाधाएं आ रही हो तो मंगलवार के दिन मंदिर में जाकर हनुमान जी का पूजन करें। हनुमान जी के माथे से सिंदूर लेकर भगवान श्रीराम अौर देवी सीता के चरणों में अर्पित करें अौर शीघ्र विवाह होने की प्रार्थना करें। 21 मंगलवार तक ये उपाय करें। इससे विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती है अौर शीघ्र शादी का योग बनता है। 

 

वट वृक्ष का करें पूजन
लड़की के विवाह में आ रही बाधा को दूर करने के लिए किसी भी पूर्णिमा को वट वृक्ष का पूजन करें। पूजा के बाद मन में शीघ्र विवाह की कामना लेकर वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें। सुहागिन स्त्रियां भी अपने सुहाग के लिए वट वृक्ष का पूजन करती हैं। 

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