मार्गशीर्ष मास में रखें इन बातों का रखें ख्याल, श्री कृष्ण करेंगे हर इच्छा पूरी

Tuesday, Dec 08, 2020 - 05:23 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कार्तिक मास की तरह ही मार्गशीर्ष माह को भी भगवान श्री कृष्ण की ही पूजा का महीना माना गया है। बल्कि इस मास को श्री कृष्ण का ही एक स्वरूप माना जाता है। यही कारण है कि कहा जाता है इस मास में एक अलग ही तरह की चमत्कारी शक्ति होती है। जिस दौरान अगर जातक विधि-विधान से पूजा करता है तो उसकी समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इतना ही नहीं प्रचलित मान्यता ये भी हैं कि जो भी व्यक्ति इस मास में श्री कृष्ण का श्रद्धापूर्वक ध्यान और उपासना करता है उसे अमोघ फलों की प्राप्ति होती है। बता दें धार्मिक शास्त्रो में अमोघ का मतलब कभी न नष्ट होने वाले से कहा गया है। इसलिए ज्योतिषी सलाह देते हैं कि इस मास में भगवान श्री कृष्ण की पूजा जरूर करनी चाहिए। 

मगर इसके अलावा जातक इस मास में क्या क्या कर सकता है, आइए जानते हैं यहां-

अक्सर लोग या तो मंदिर में या फिर घर के पूजा स्थल में बैठकर पूजा करते हैं, मगर कहा जाता है इस मास में व्यक्ति को श्री कृष्ण की उपासना पवित्र नदियों या सरोवर आदि में जाकर करनी चाहिए। 

जो जातक संतान की कामना रखते हों उन्हें इस मास में श्री कृष्ण की उपासना ज़रूर करनी चाहिए। 

इस दौरान कीर्तन, शास्त्रों का पाठ करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है। तो वहीं इस महीने में किए गए हर तरह के मांगलिक कार्य भी सफल होते हैं।

जो व्यक्ति पूरे मन से इस मास में श्री कृष्‍ण की आराधना करता है उसे चंद्रमा से अमृत तत्व की प्राप्ति होती है।

इस महीने कृष्‍ण मंत्रों, आरती, चालीसा, श्लोक, स्तुति आदि का पाठ विशेष फलदायी होता है।

गौ सेवा भी करना भी इस मास में काफी लाभदायक माना जाता है। साथ ही साथ इस माह में कृष्‍ण मंदिर में गाय के शुद्ध घी का दीया जलाना भी लाभदायक होता है। 

इसके अलावा श्री कृष्ण को अपना बनाने और उनकी कृपा पाने के लिए केवल प्रेम की साधना ही पर्याप्त है। इस महीने में अगर आप पूरे प्रेम भाव से श्री कृष्ण को पुकारेंगे तो निश्चित ही आपको इसका उचित फल देंगे।

पूरे मास में प्रतिदिन गीता का पाठ अवश्‍य करना चाहिए। 

इन सभी के अतिरिक्त इस महीने में तेल मालिश करना शुभ फल प्रदान करता है। तो वहीं कुछ वस्तुओं का प्रयोग करने की मनाही होती है, जैसे जीरा। 

Jyoti

Advertising