भूलकर भी न करें ये काम, करना पड़ सकता है कष्टों का सामना

Friday, Nov 11, 2016 - 10:47 AM (IST)

प्रत्येक व्यक्ति में अच्छी बातों के साथ-साथ कुछ बुरी आदतें भी होती हैं। यही बुरी आदतें व्यक्ति के पतन का कारण बनती हैं। मनु स्मृति में काम से संबंधित बुरी आदतों का उल्लेख किया गया है, जिनसे बचकर रहने में ही भलाई है। 

 

श्लोक
मृगयाक्षदिवास्वप्नः परिवादः स्त्रियो मदः।
तौर्यत्रिकं वृथाद्या च कामजो दशको गणः।।

 

अर्थात: व्यक्ति को काम वासना से संबंधित 10 बुरी आदतों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। 

 

* काम वासना से ग्रसित व्यक्ति में शिकार खेलने जैसी बुरी आदत होती है। जिसके कारण उसे कई प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है। 

 

* जुआ खोलना एक बुरी आदत है। जिस व्यक्ति को इस की लत लग जाती है, वह स्वयं ही नहीं अपितु उसका पूरा परिवार नष्ट हो जाता है। अत: लोगों को इस बुरी आदत से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

 

* काम वासना से ग्रसित व्य़क्ति की कल्पनाएं भी वासना से लिप्त रहती हैं। ऐसे लोग दिन में सोते हुए भी कुछ भी सोचते रहते हैं। इस प्रकार की सोच रखने वाले लोग जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाते। 

 

* दूसरों की बुराई करना अच्छी आदत नहीं है। कुछ लोगों की आदत होती है कि वे दूसरों की बुराई करते रहते हैं। इस प्रकार के लोग किसी के भी हितैषी नहीं होते। ऐसे लोग आपके सामने दूसरों की अौर उनके सामने आपकी बुराई करते हैं। 

 

* अनेक महिलाअों के साथ रहना भी काम वासना से संबंधित बुरी आदत है। इस प्रकार की आदत के कारण यश, शरीर, कीर्ति आदि नष्ट हो जाते हैं। ऐसे व्यक्ति को परिवार अौर समाज में बुरी नजर से देखा जाता है।

 

* शराब पीना एक बुरी आदत है। जो लोग इस बुरी आदत से ग्रसित होते हैं उन्हें परिवार अौर समाज में निंदा का पात्र बनता पड़ता है। शराबी व्यक्ति दु:साहसी हो जाता है। शराब पीने के बाद उसे अपने-पराए अौर भले-बुरे का अंतर समझ में नहीं आता। इस प्रकार की आदत के कारण शराबी व्यक्ति के परिवार को भी कष्टों का सामना करना पड़ता है।  

 

* व्यर्थ में नाचते रहना भी काम वासना से संबंधित बुरी आदत है। इस प्रकार की आदत से ग्रसित व्यक्ति को समाज में अच्छा नहीं माना जाता। हालांकि वर्तमान समय में इस आदत को बुरा नहीं अपितु कला के रुप में देखा जाता है।
 
 

* पहले बिना किसी उद्देश्य से वाद्ययंत्र को बजाना काम से जुड़ी बुरी आदत मानी जाती थी परंतु वर्तमान समय में इसे बुरा नहीं माना जाता है। इसे एक कला के रुप से देखा जाता है। 

 

* पुराने समय में अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़कर श्रृंगार रस की कविताएं लिखना व गाना काम से जुड़ी बुरी आदत मानी जाती थी। एसे व्यक्ति को समाज में स्थान नहीं मिलता था। लेकिन आज के समय में इसे बुरा नहीं माना जाता। 

 

* बिना किसी कार्य के इधर-उधर व्यर्थ में घूमते रहना भी काम से संबंधित बुरी आदत मानी गई है। ऐसे लोग न तो समाज अौर न ही परिवार के लिए काम आते हैं। इस प्रकार के लोगों के जीवन का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं होता इसलिए ऐसी बुरी आदतों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। 
 

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