मनीषी विदुर ने बताए मूर्खों के 10 लक्षण

Monday, Nov 06, 2017 - 04:00 PM (IST)

विदुर अथार्त कुशल, बुद्धिमान अथवा मनीषी हिंदु ग्रंथ महाभारत के मुख्य पात्रों में से एक हैं। “महाभारत” की कथा के महत्वपूर्ण पात्र विदुर को कौरव-वंश की गाथा में विशेष स्थान प्राप्त है। विदुर हस्तिनापुर राज्‍य के शीर्ष स्‍तंभों में से एक अत्‍यंत नीतिपूर्ण, न्‍यायोचित सलाह देने वाले माने गए है। विदुर हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री, कौरव और पांडवों के काका और धृतराष्ट्र एवम पांडू के भाई थे। उनका जन्म एक दासी के गर्भ से हुआ था। विदुर को धर्मराज का अवतार भी माना जाता है। महात्मा विदुर जी ने अपनी नीतियों में बहुत सी महत्वपूर्ण बातें बताई। आईए जानते है विदुर जी द्वारा बताए गए मुर्खों के 10 लक्ष्णों के बारे में:-


1. बिना ज्ञान के ही घमंड में चूर रहने वाला, दरिद्र होकर भी बड़े-बड़े मंसूबे बांधने वाला और बिना परिश्रम के ही धनवान बनने की ईच्छा रखने वाला।

 

2. जो अपना काम छोड़ कर दूसरों के कर्तव्य पालन में लगा रहता है तथा मित्रों के साथ गलत कार्यों में संलग्न रहता है।

 

3. जो न चाहने वाली चीजों की इच्छा करता है, चाहने वाली चीजों से मुंह फेर लेता है और अपने से शक्तिशाली लोगों से दुश्मनी मोल ले लेता है। 

 

4. जो शत्रु को मित्र बनाता है, मित्र से ईर्ष्या करता है और सदैव बुरे कर्मों में लगा रहता है। 

 

5. जो अपने कार्यों के भेद खोल देता है, हर चीज में शक करता है। जिन कार्यों में कम समय लेना चाहिए उसमें अत्यधिक समय लगाता है। 

 

6. जो पितरों का श्राद्ध नही करता, न ही देवताओं की पूजा करता है और न ही अच्छे दोस्त बनाता है।

 

7. जो बिन बुलाए ही किसी स्थान पर पहुंच जाता है, बिना पूछे ही बोलता है तथा अविश्वसनीय लोगों पर भी विश्वास करता है। 

 

8. जो स्वयं गलती करके आरोप दूसरों पर मढ़ देता है तथा असमर्थ होते हुए भी क्रोध करता है। 

 

9. जो अपनी ताकतों और क्षमताओं को न पहचानते हुए भी धर्म और लाभ के विपरीत जाकर न पा सकने वाली वस्तु की कामना करता है। 

 

10. जो किसी को आकरण ही दंड देता है और अज्ञानियों के प्रति श्रद्धा से भरा रहता है तथा कंजूसों का आश्रय लेता है। 
 

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