वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा: मणिपुर में हो रही हिंसा में वास्तुदोषों की है अहम भूमिका

Monday, Jul 31, 2023 - 10:15 AM (IST)

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Manipur violence: मणिपुर भारत के पूर्वोत्तर में स्थित एक राज्य है। इसकी राजधानी इंफाल है। मणिपुर के पड़ोसी राज्य, उत्तर दिशा में नागालैंड, दक्षिण दिशा में मिज़ोरम, पश्चिम दिशा में असम और पूर्व दिशा में इसकी सीमा म्यांमार से मिलती है। इसका क्षेत्रफल 22,347 वर्ग कि.मी है। मणिपुर, ब्लू माउंटेन की श्रृंखला से घिरा हुआ है। इसलिए मणिपुर एक अण्डाकार घाटी में स्थित है, जो कि लगभग 700 वर्ग मील में फैली है। घाटी का ढलान उत्तर से दक्षिण के इलाके की ओर फैला है। यहां के मूल निवासी मैतेई जनजाति के लोग हैं, जो यहां के घाटी क्षेत्र में रहते हैं। यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में नागा व कुकी जनजाति के लोग रहते हैं। मणिपुर को एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य माना जाता है। इस राज्य को पूर्व की सात बहिनों में से एक माना जाता है।



मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई, 2023 को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। तब से अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। हजारों घर जल गये। 50-60 हजार लोग पलायन कर गये। इससे पहले भी मणिपुर के इतिहास में अस्थिरता आपसी विवाद और हिंसक झड़पें हमेशा से होती रही हैं। इसका मुख्य कारण है इस क्षेत्र की वास्तु विपरीत भौगोलिक स्थिति।

मणिपुर के उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत की ऊंचाई है। जहां एक ओर मणिपुर की उत्तर दिशा में नागालैण्ड और उसके बाद अरूणाचल प्रदेश है, जो कि काफी ऊंचाई पर है और दक्षिण दिशा और नैऋत्य कोण में मिजोरम है, जो नीचाई पर है, वहीं दूसरी ओर पूर्व दिशा में म्यांमार में ऊंचाई है और पश्चिम दिशा स्थित आसाम का सिल्चर एरिया नीचाई पर है। हिमालय पर्वत की उत्तर दिशा से निकलने वाली नदियों का पानी आसाम और नागालेण्ड से आकर मणिपुर से होता हुआ दक्षिण दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, ईशान कोण ऊंचा और नैऋत्य कोण नीचा हो तो ऐसी जगह निर्धनता रहती है। आग्नेय कोण में निचाई हो तो शत्रुओं से कष्ट होता है और विवाद होते हैं।



मणिपुर एक अण्डाकार घाटी में स्थित है, इस भौगोलिक स्थिति के कारण मणिपुर में गरीबी है और यहां के लोगों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उपरोक्त सभी वास्तुदोषों से उपजी समस्याओं के कारण आज यहां रहने वाली कुकी और मैतेई जनजाति के लोग आपस में झड़प, हिंसा, आगजनी इत्यादि घटनायें कर रहे हैं।

पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में उत्तर दिशा और ईशान कोण ऊंचा है तथा आग्नेय कोण, दक्षिण दिशा और नैऋत्य कोण नीचे हैं, इस कारण इस क्षेत्र में सदियों से गरीबी रही है और आपसी विवादों में हिंसात्मक झड़पें होती रही हैं और आगे भी होती रहेंगी। वर्तमान में, इन्हीं वास्तुदोषों के कारण इन झड़पों की आग मिजोरम, नागालैण्ड और असम तक फैल गई है।

हम देश के ईशान कोण में स्थित सातों राज्यों की भौगोलिक स्थिति तो बदल नहीं सकते, इसलिए  शासन-प्रशासन को हमेशा इस क्षेत्र में शांति के लिए विशेष प्रयास करते रहना चाहिए।



वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा
thenebula2001@gmail.com

Niyati Bhandari

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