Makar Sankranti Special: जानें, मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग

Saturday, Jan 14, 2023 - 05:38 PM (IST)

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Makar Sankranti 2023 : सनातन धर्म में हर त्यौहार से कोई न कोई परंपरा जुड़ी हुई है। इसी तरह मकर संक्राति के दिन भी पतंग उड़ाने का रिवाज है। मकर संक्राति पर आसमान में रंग-बिरंगी उड़ती हुई पतंगे एक पल के लिए तन और मन में खुशी की लहर लेकर आती हैं। बहुत से शहरों में लोग इस दिन पतंग उड़ा कर खूब मौज-मस्ती करते हैं। पतंग उड़ाकर खुशी का ये संदेश देने का माध्यम आधुनिकरण के रंग में रंग चुका है। पंतगबाजी के साथ घर की छतों पर व्यंजनों और ऊंची आवाज में लगे गीत-संगीत का खूब मजा लिया जाता है। खुले मैदानों में तो काइट फेस्टिवल भी मनाया जाता है और बड़े पैमाने पर प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन होता है। पतंग उड़ाई जाती है, ये तो सबको पता है लेकिन क्यों उड़ाई जाती है ? ये शायद काम ही लोगों को मालुम है। तो आइए जानते हैं, इसके पीछे का धार्मिक कारण:



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श्रीराम ने उड़ाई थी इस दिन पतंग Shri ram had flown the kite on this day: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पतंग उड़ाने की परंपरा श्री राम के समय से जुड़ी है। तमिल की तन्दनानरामायण के मुताबिक संक्रांति के दिन ही भगवान राम ने पतंग उड़ाई। पतंग बहुत दूर तक उड़ी थी और उड़ते-उड़ते इंद्रलोक पहुंच गई। तब से ही पतंग उड़ाने की परंपरा चली आ रही है।



Relation is also related to health सेहत से भी जुड़ा है संबंध: भारत के अधिकांश हिस्सों में पतंगबाजी की जाती है। खासकर गुजरात में पतंग बहुत ही जोरों-शोरों के साथ उड़ाई जाती है। परंपरा के साथ-साथ इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य से जो किरणें निकलती हैं, वह शरीर के लिए अमृत समान मानी जाती हैं, इस समय ठंड का मौसम होता है और पतंग उड़ाते वक्त धूप से विटामिन डी मिलता है।  इस स्थिति में सूर्य का प्रकाश औषधि का काम करता है। सूर्य से मिलती हुई किरणें अमृत का काम करती हैं और विभिन्न तरह के रोग नष्ट होते हैं।


 Kite gives the message of love प्रेम का संदेश देती है पतंग: पतंग को आजादी व खुशी का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं की पतंग उड़ाने से मन खुश रहता है और शरीर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है। मकर संक्रांति वाले दिन कई जगह पर मेले भी लगते हैं और लोग नाचते-गाते हुए इस दिन का आनंद उठाते हैं।

 

Niyati Bhandari

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