Makar Sankranti 2022: 5000 वर्ष बाद मकर संक्रांति फरवरी के अंतिम सप्ताह में मनाई जाएगी

Friday, Jan 14, 2022 - 09:18 AM (IST)

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Makar Sankranti 2022: नवग्रहों में सूर्य ही एकमात्र ग्रह है जिसके आस-पास सभी ग्रह घूमते हैं। यही प्रकाश देने वाला पुंज है जो धरती पर जीवन प्रदान करता है। प्रति वर्ष 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे सामान्य भाषा में मकर संक्रांति कहते हैं। यह एक खगोलीय घटना है जब सूर्य हर वर्ष धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है और हर बार यह समय लगभग 20 मिनट बढ़ जाता है। अत: 72 साल बाद एक दिन का अंतर पड़ जाता है। 15वीं शताब्दी के आसपास यह संक्रांति 10 जनवरी के आसपास पड़ती थी और अब यह 14 व 15 जनवरी को होने लगी है। लगभग 150 वर्ष के बाद 14 जनवरी की डेट आगे पीछे हो जाती है।

सन् 1863 में मकर संक्रांति 12 जनवरी को पड़ी थी। 2012 में सूर्य मकर राशि में 15 जनवरी को आई थी। 2018 में 14 जनवरी और 2019 तथा 2020 में यह 15 जनवरी को पड़ी थी। गणना यह है कि 5000 वर्ष बाद मकर संक्रांति फरवरी के अंतिम सप्ताह में मनानी पड़ेगी।

जितने समय में पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाती है, उस अवधि को सौर वर्ष कहते हैं। धरती का गोलाई में सूर्य के चारों ओर घूमना ‘क्रांति चक्र’ कहलाता है। इस परिधि को 12 भागों में बांटकर 12 राशियां बनी हैं। पृथ्वी का एक राशि से दूसरी में जाना ‘संक्रांति’ कहलाता है। यह एक खगोलीय घटना है जो साल में 12 बार होती है। सूर्य एक स्थान पर ही खड़ा है, धरती चक्कर लगाती है। अत: जब पृथ्वी मकर राशि में प्रवेश करती है तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं।

Niyati Bhandari

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