Makar Sankranti 2021: आज गंगा स्नान के लिए पृथ्वी पर आएंगे देवता, पढ़ें कथा

Thursday, Jan 14, 2021 - 05:42 AM (IST)

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What is the meaning of Makar Sankranti: मकर संक्रांति में 'मकर' शब्द मकर राशि को इंगित करता है जबकि 'संक्रांति' का अर्थ संक्रमण अर्थात प्रवेश करना है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। एक राशि को छोड़कर दूसरे में प्रवेश करने की इस विस्थापन क्रिया को संक्रांति कहते हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार मकर संक्रांति से ही सूर्य उत्तरायण होते हैं। पौष मास में मनाए जाने वाले इस पर्व में माघ मास का भी शुभारंभ हो जाता है।

Makar Sankranti 14th January 2021: भारतीय संस्कृति में और हमारे शास्त्रों में मकर सक्रांति पर्व का बहुत महत्व है। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा जी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए सागर में जा मिली थीं। तभी तो इस दिन गंगा स्नान का विशेष फल मिलता है। ऐसी मान्यता भी है कि मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर फेंका था। भगवान की जीत को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। कुछ अन्य कथाओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन देवता पृथ्वी पर अवतरित होते हैं और गंगा स्नान करते हैं।

Makar Sankranti Ke Daan: मकर संक्रान्ति के दिन आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है, अंधकार का नाश व प्रकाश का आगमन होता है। इस दिन पुण्य, दान, जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का अनन्य महत्व है। इस दिन गंगा स्नान व सूर्योपासना पश्चात गुड़, चावल और तिल का दान श्रेष्ठ माना गया है।

Makar Sankranti katha: यह भी माना जाता है कि महाभारत काल के महान योद्धा भीष्म पितामह ने भी अपनी देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति का ही चयन किया था। यशोदा जी ने जब श्री कृष्ण जी के जन्म के लिए व्रत किया था, तब भी सूर्यदेवता उत्तरायण काल में पदार्पण कर रहे थे और उस दिन मकर संक्रांति थी। कहा जाता है कि तभी से मकर संक्रांति का प्रचलन शुरू हो गया था। ऐसा भी माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव के घर जाते हैं और यह पर्व पिता पुत्र के मिलन का प्रतीक बनता है।

गुरमीत बेदी  
gurmitbedi@gmail.com

Niyati Bhandari

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