Mahatara Jayanti 2022: मां तारा के विभिन्न रूप देंगे तीनों लोकों का वैभव

Sunday, Apr 10, 2022 - 08:02 AM (IST)

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Mahatara Jayanti 2022: महातारा जयंती चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। मां महातारा दश महाविद्या में से शक्ति का उग्र व आक्रामक रूप हैं। माता ब्रह्मांड की सभी पिंडियों की स्वामिनी हैं। सृष्टि के निर्माण से पूर्व मां काली का वर्चस्व था। घोर अन्धकार में जब रोशनी की एक किरण फूटी तो वह शक्ति माता तारा कहलाई। तंत्र साधना की ये देवी अत्यंत शक्तिशाली, ऊर्जावान एवं शीघ्र परिणाम देने वाली हैं।

मां महातारा ऊर्जा का पुंज हैं। सूर्य के विध्वंसकारी विस्फोट की अधिष्ठात्री देवी हैं। अपने उपासकों को प्रसन्न हो सर्व सुख, हर लोक की निधिया और साधकों को अनंत ब्रह्म की प्राप्ति कराती हैं।

उग्रतारा, नीलतारा, एकजटा, तारिणी ये माता के ही रूप हैं। माता तारा दशमहाविद्या में से दूसरे स्थान पर आती हैं। इन दशमहाविद्याओं के पास इस जगत का सम्पूर्ण ज्ञान व शक्ति है। इनकी साधना भाव सागर से तारने वाली मां हैं। इनके अलग- अलग रूपों के ध्यान से अलग विषयों की प्राप्ति होती है।

इनके उग्र रूप की अराधना करने से आपके अंदर पुरुषार्थ बढ़ता है एवं शत्रुओं का नाश होता है। नीलतारा माता ने भगवान शिव के विष पान करने के पश्चात उनके अंदर समा कर उनकी पीड़ा को कम किया था। जिससे वह नीलतरा कहलाई। इनके इस रूप की साधना आपको हर प्रकार की व्याधि से मुक्ति दिलाती है।

नीलम
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Niyati Bhandari

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