राशि अनुसार जानें, इस महाशिवरात्रि पर आपको करने चाहिए किस ज्योर्तिलिंग के दर्शन

Tuesday, Feb 11, 2020 - 01:19 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
21 फरवरी, 2020 को शिव भक्तों की रात्रि  है। जी हां, इस दिन मनाया जाएगा हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख पर्वों में से एक माने जाना वाला महाशिवरात्रि। अब भोलेनाथ के भक्तों के लिए ये त्यौहार कितना खास है शायद किसी को बताने की ज़रूरत नहीं होगी। बल्कि कहा जाता है पूरी दुनिया में शिव जी भक्त साल में एक बार पड़ने वाली महाशिवरात्रि का बेस्रबी से इंतज़ार करते हैं। क्योंकि इस दिन को शास्त्रों में बहुत ही पावन बताया गया है। कथाओं के अनुसार इस दिन शिव जी माता पार्वती के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे। तो वहीं कुछ अन्य कथाओं के मुताबिक इस दिन शिव जी अपने ज्योर्तिलिंग के रूप में धरती पर अवतरित हुए थे। जिस कारण इस दिन पावन व स्वयंबू शिवलिंग की पूजा का अधिक महत्व माना जाता है। यही कारण है कि महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर शिव भक्त देश में स्थित विभिन्न ज्योर्तिलिंगों आदि में दर्शन करने जाते हैं और वहां जाकर भगवान शंकर से अपने सुखी जीवन की कामना करते हैं। तो अगर आप भी इस शिवरात्रि कुछ ऐसा ही सोच रहे हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आपकी राशि  अनुसार आपके किस ज्योर्तिलिंग के दर्शन करने चाहिए।

(नोट): जो लोग इन ज्योर्तिंलिंगों के दर्शन करने न जा सके वो राशि अनुसार ज्योर्तिलिंग का अपने मन में ध्यान करके पूजा कर सकते हैं।

मेष
मेष राशि वालों के जातकों के लिए इनके लिए सोमनाथ ज्योर्तिलिंग के दर्शन करना शुभ माना जा रहा है। तथा इनकी पूजा करते समय 'ह्रीं ॐ नमः शिवाय ह्रीं' मंत्र का जाप करना चाहिए।

वृष
इस राशि के लोग मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंगोका दर्शन करना चाहिए। तथा इनकी पूजा में इनका ध्यान करते हुए मल्लिकार्जुन का ध्यान करते हुए ' ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करें।

मिथुन
मिथुन वालों के स्वामी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को माना जा रहा है। इस लिए ज़ाहिर है इस राशि  के लोगों के इनके दर्शन करना शुभ होगा। महाकालेश्वर का ध्यान करते हुए 'ॐ नमो भगवते रूद्राय' मंत्र का यथासंभव जप करने से आपकी हर इच्छा पूरी होगी।

कर्क
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मध्य प्रदेश में नर्मदा तट पर बसा ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग का कर्क राशि से संबंध माना जा रहा है। इसलिए इस राशि वाले महाशिवरात्रि के दिन शिव के इसी रूप की पूजा करनी चाहिए। साथ ही साथ 108 बार निम्न मंत्र का जप करें। 'ॐ हौं जूं सः'। इस मंत्र के फलस्वरूप आपके भौतिक सुख के साधनों में वृद्घि होती है।

सिंह
सिंह वालों को बता दें आपके लिए वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करना अति शुभ कहलाएगा। इसके अलावा इस दिन गंगा जल से किसी भी शिवलिंग की पूजा करके उस पर सफ़ेद कनेर का फूल अर्पित करने से हर इच्छा पूरी होगा। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार बाबा बैद्यनाथ को भांग व धतूरा अधिक पसंद, इसका भोग लगाते हुए 'ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनम। उर्वारूकमिव बन्ध्नान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। मंत्र का 51 बार जप करें।

कन्या
ज्योतिष विशेषज्ञों की गणना के अनुसार भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग कन्या राशि का ज्योर्तिलिंग हैं। इस राशि के जातक भगवान शिव की कृपा पाने के लिए भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग का दूध में घी मिलाकर अभिषेक करें एवं इस पर पीला कनेर और शमी के पत्ते चढ़ाते हुए ॐ भगवते रूद्राय' मंत्र का यथासंभव जप करें।

तुला
तमिलनाडु में स्थापित रामेश्वर ज्योर्तिलिंग का संबंध तुला राशि से माना जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवन राम ने सीता की तलाश में समुद्र पर सेतु निर्माण के लिए इस ज्योर्तिलिंग की स्थापना की थी। कहा जाता है महाशिवरात्रि के दिन इनके दर्शन से दांपत्य जीवन में प्रेम और सद्भाव बना रहता है। तो अगर आप अपनी मैरिड लाइफ में अपार खुशियां चाहते हैं तो रामेश्वर ज्योर्तिलिंग का दर्शन करें। इसके अलावा दूध में बताशा मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराकर इन पर आक के फूल अर्पित करते हुएशिव पंचाक्षरी मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का 108 बार जप करें।

वृश्चिक
गुजरात के द्वारका जिले में स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है जिसका संबंध वृश्चिक राशि से माना जा रहा है। इस राशि वालों को गले में नागों की माला धारण करने नागेश्वर ज्योर्तिलिंग की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन न कर सकें वह दूध और धान के लावा से शिव की पूजा करें। शिव को गेंदे का फूल, शमी एवं बेलपत्र चढ़ाते हुए ह्रीं ॐ नमः शिवाय ह्रीं। मंत्र का जप करना चाहिए।  

धनु
विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग का संबंध धनु राशि से है। इसलिए इस राशि वालों आप महाशिवरात्रि के दिन गंगाजल में केसर मिलाकर शिव को अर्पित करें। ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन चन्द्रमा कमजोर रहता है। इसलिए इस राशि वालों को ॐ तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्रः प्रचोदयात।। मंत्र से शिव की पूजा करना चाहिए। इससे चन्द्रमा को बल मिलता है और शिव कृपा प्राप्त होती है।

मकर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर राशि का त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग से संबंध है। जो नासिक में स्थित है। महाशिवरात्रि के पावन दिन मकर राशि के जातक गंगाजल में गुड़ मिलाकर शिव जी का जलाभिषेक करें तथा इन्हें नीले का रंग के फूल और धतूरा चढ़ाएं। इसक अलावा त्रयम्बकेश्वर का ध्यान करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 5 माला जप करें।

कुंभ
इस राशि वालों आपके लिए उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ जी की पूजा करना अति लाभदायी मानी जा रही है। बता दें अक्षय तृतीया से केदारनाथ की यात्रा आरम्भ होती है इसलिए महाशिवरात्रि पर केदारनाथ का दर्शन नहीं किया जा सकता है। इसलिए कुंभ राशि वाले व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन अपने आस पास के किसी शिवालय में जाकर केदारनाथ का ध्यान करते हुए शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं तथा इन्हें कमल का फूल और धतूरा चढ़ाते 'ॐ नमः शिवाय' का जप करें।

मीन
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का मीन राशि से संबंध माना जा रहा है। इसका अर्थ हुआ कि इस राशि वालों को इस दिन इनकी पूजा करनी चाहिए तथा महाशिवरात्रि के दिन दूध में केसर डालकर शिवलिंग को स्नान कराकर, शिव जी को गाय का घी, शहद तथा कनेर का पीला फूल और विल्वपत्र शिव को चढ़ाते हुए ॐ तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्र प्रचोदयात।। मंत्र का जितना अधिक हो सके जप करें।

Jyoti

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