महाशिवरात्रि 2020: कुछ ही पलों में मिलेगा 12 ज्योर्तिलिंगों के दर्शन का फल, बस करना होगा ये काम

Tuesday, Feb 18, 2020 - 06:59 PM (IST)

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यूं तो कहा जाता है जहां भी बैठकर सच्चे मन से भगवान को याद किया जाए, वो वहीं उपस्थित होकर अपने भक्त पर अपनी कृपा कर देते हैं। परंतु भगवान के तीर्थ स्थलों पर जाने की इच्छा हर कोई रखता है। ये इच्छा मन में अधिक बढ़ती तब है जब कुछ खास मौके आते हैं। जीं हां, आप ठीक समझ रहे हैं हम बात कर रहे हैं हिंदू धर्म के उन खास अवसरों के बारे में जिस दौरान हमारी विभिन्न धर्म स्थलों पर जाने की इच्छा होती है मगर हर किसी के लिए जा पाना संभव नहीं होता। कोई दूरी की वजह से नहीं जा पाता, तो कोई अपने बिजी शेड्यूल के चलते नहीं जा पाता। तो ऐसे लोगों के लिए हमारे पास एक ऐसा उपाय है जिसे अपनाने से आपकी ये परेशानी का हल मिल सकता है। जी नहीं, अगर आप सोच रहे हैं कि हम आपके लिए फ्री यात्रा की कोई ऑफर लेकर आए हैं तो आप गलत सोच रहे हैं। असल में हम आपके लिए इससे भी कुछ अच्छा लाएं हैं। अब आप सोचेंगे कि भला इससे अच्छा क्या हो सकता है तो ज़रा धैर्य रखिए बताते हैं बताते हैं। 

जैसे कि आप सब जानते हैं 21 फरवरी 2020 को इस साल का सबसे प्रमुख पर्व महाशिवरात्रि मनाया जाएगा। जिस दौरान शिव जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। तो वहीं बहुत से लोग हैं जिनकी ये कामना होती है कि वो महाशिवरात्रि पर शिव जी के 12 ज्योर्तिलिंगों के दर्शन करें लेकिन उनकी ये कामना किसी न किसी कारण वश अधूरी रह जाती है। मगर आपको बता दें इस महाशिवरात्रि आपकी ये कामना  पूरी हो सकती है जिसके लिए आपको कहीं जाना भी नहीं पड़ेगा। बल्कि केवल एक स्तुति का गान करना होगा जिससे आपको कपल ही पलों में सभी ज्योर्तिलिंगों के दर्शन का फल मिलेगा। 

यहां जानें इस स्तुति को करने की विधि- 
महाशिवरात्रि के दिन ब्राह्ममुहूर्त में गंगाजल मिले जल से स्नान करने के बाद किसी भी आस पास के शिवालय में एक बाल्टी शुद्धजल, एक लोटा या गोमुखी पात्र, सफ़ेद चावल, बेलपत्र, चंदन, कुमकुम, धुपबत्ती, कपूर एवं नैवेद्य साथ लेकर जाये। सबसे पहले शिवलिंग को प्रणाम करके एक लोटे जल से धुल लें, ॐ नमः शिवाय मंत्र के साथ चंदन लगाकर आवाहन् करने के बाद में शुद्ध जल से 108 बार नमः शिवाय बोलते हुए जलाभिषेक करके फिर विधिवत सभी सामग्रियों से पूजन करने के बाद बाद नीचे दी गई स्तुति प्रार्थना का पाठ करें।

ज्योतिर्लिंग स्तुति प्रार्थना
सौराष्ट्रे सोमनाथंच श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं परमेश्वरम्।।
केदारं हिमवत्पृष्ठे डाकियां भीमशंकरम्।
वाराणस्यांच विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।।
वैद्यनाथं चिताभूमौ नागेशं दारूकावने।
सेतूबन्धे च रामेशं घुश्मेशंच शिवालये।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरूत्थाय यः पठेत्।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति।।
यं यं काममपेक्ष्यैव पठिष्यन्ति नरोत्तमाः।
तस्य तस्य फलप्राप्तिर्भविष्यति न संशयः।।

Jyoti

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