महाशिवरात्रि 2020: महादेव के स्वरूप में छिपे हैं सफलता के ये सूत्र

Friday, Feb 21, 2020 - 05:50 PM (IST)

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महाशिवरात्रि के इस खास मौके पर हम आपको अपनी तरफ़ से हर जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच हम आपके लिए लाएं शिव जी के स्वरूप में छिपे सफलता के सूत्र। कहा जाता है देवों के देव महादेव का स्वरूप मानव को ऐसी कईं सीख देता है जिससे किसी भी मानव का जीवन सरल तो होती ही है साथ ही साथ उसे सफल भी बना सकता है। धार्मिक ग्रंथों में जिनकी पूजा सबसे आसान हैं, वो हैं देवा धी देव महादेव हैं। तो वहीं जितने सरल शिव खुद हैं, उतना ही विकट उनका स्वरूप है, जिसका कोई मेल ही नहीं है। गले में सर्प, कानों में बिच्छू के कुंडल, तन पर वाघंबर, सिर पर त्रिनेत्र, हाथों में डमरू, त्रिशूल और वाहन नंदी। चलिए जानते हैं भगवान शिव के इस अद्भुत स्वरूप से सिखने वाली उन बातों के बारे में जो आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है। 

तीसरा नेत्र 
यह नेत्र ज्ञानेंद्री का प्रतीक है। हमें हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और अपने आसपास हो रहे न्याय-अन्याय पर नजर रखनी चाहिए।


तन पर भस्म और वाघंबर 
कपड़े तन ढंकने के लिए होते हैं। इसलिए हमेशा ऐसे वस्त्र धारण करने चाहिए जो सुलभ यानि सरल हों। महंगे कपड़े आपको आम लोगों से दूर कर सकते हैं।

डमरू
कहा जाता शिव का डमरू हमारी खुद की वाणी है। शिव हमेशा डमरू नहीं बजाते, समय आने पर ही उससे ध्वनि निकलती है। जिससे ये सीख मिलती है कि हमें समय आने पर परिस्थिति को समझ कर ही बोलना चाहिए। 

कानों में कुंडल 
कहा जाता है शिव जी कुंडलों से पता चलता हैं कि हमारे आसपास कितने ही बुरे लोग क्यों न हों, अगर आप सही हैं तो वे आपका कुछ बिगाड़ नहीं सकते। 
 

Jyoti

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