महाशिवरात्रि 2020: शिव शंकर का गुणगान करो, हर पीडा़ हर लेंगे महादेव

Thursday, Feb 06, 2020 - 12:13 PM (IST)

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ॐ नमः शिवाय
कहते हैं जो भक्त शिव शंकर को सच्चे मन से पूजता है उसका उद्धार होना निश्चित है इतना ही नहीं बल्कि अंत काल को भवसागर में उसका बेड़ा पार होता है। यही कारण है भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनके अनुयायी पूजा-अर्चना में जुटे ही रहते हैं। कहने का हर अर्थ है हर समय इनके चरणों में ध्यान धरे बैठे रहते हैं। मगर इसमें अधिक वृद्धि देखने को मिलती है महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर। ज़ाहिर सी बात है इसके नाम से आपको समझ आ ही गया होगा कि शिव रात्रि यानि शिव जी के गुणगान की रात। तो शिव जी के द्वार पर उनके भक्तों की भीड़ लगना तो लाज़िमी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन शिव जी का लिंग रूप में अवतरण हुआ था, जिस कारण इस दिन शिवलिंग की विधि-वत पूजा की जाती है। तो वहीं अन्य मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह हुआ था जिसके उपलक्ष्य आज भी मंदिरों आदि में इस शुभ दिन भगवान शिव के विवाह का भव्य आयोजन किया जाता है। 

बता दें इस बार महाशिवरात्रि का ये पावन त्यौहार 21 फरवरी, 2020 शुक्रवार को मनाया जाएगा। जिस दौरान देश भर के ही नहीं बल्कि दुनिया भर के शिव मंदिरों, शिवालयों तथा ज्योतिर्लिंगों में इनकी पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इस दौरान हर कोई इनकी कृपा पाने की इच्छा रखता है परंतु कुछ लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती कि कैसे व किस पूजन विधि का इस्तेमाल कर वो इनसे आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। तो अगर आप नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते हैं।

किसी बड़े पात्र में धातु से बने मिट्टी से बने शिवलिंग की स्थापना करें। इसकी विधि वत पूजा करें। इस दौरान सबसे पहले मिट्टी के पात्र में पानी भरकर,  बेलपत्र, धतूरे के पुष्प, चावल आदि एक साथ डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें।

अपने तन-मन को पावन करने के लिए इस खास दिन व रात शिवपुराण का पाठ करें। अगर पाठ करने में सक्षम न हो तो किसी से सुन लें। 

बता दें शिव जी की पूजा में जो सामग्री से का इस्तेमाल होती है वो बहुत आसानी से मिल जाती है। परंचु अगर फिर भी सामग्री उपलब्ध न हो तो होने पर केवल शुद्ध जल शिव जी को अर्पित कर सकते हैं। इससे भी आप शिव जी को प्रसन्न कर सकते हैं।

शास्त्रों के अनुसार, शिव जी को देवों के देव महादेव इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे देवता, दैत्य, मनुष्य, नाग, किन्नर, गंधर्व पशु-पक्षी व समस्त वनस्पति जगत के भी स्वामी हैं।

ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है इस दिन व्रत-उपवास रखने से, बेलपत्र एवं गंगा जल से शिव की पूजा-अर्चना करके उन्हें जौ, तिल, खीर और बेलपत्र का हवन करने से जातक की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

Jyoti

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