Mahashivratri 2019 : भूलकर भी न करें ये काम, वरना बाबा भंडारी हो सकते हैं नाराज़

Monday, Mar 04, 2019 - 10:22 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा(video)
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली महाशिवरात्रि का बहुत ही महत्व है। तो वहीं ज्योतिष के अनुसार ये दिन भगवान शंकर को खुश करने के लिए बहुत उत्तम माना जाता है। बल्कि कहा जाता है कि इस दिन की शिव उपासना से ग्रह दोषों के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन कुछ ऐसे लोग होते हैं जो इस दिन भगवान खुश करने के बजाए उन्हें रुष्ट कर देते हैं। जी हां, कुछ लोग इन्हें प्रसन्न करने में जल्दबाजी और लापारवाही के चलते कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो करना वर्जित होता है। तो अगर आप इन कामों के बारे में नहीं जानते हैं, तो इन्हें ज़रूर जान लें ताकि आपको महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व पर केवल शुभ फल प्राप्त हो और आपके हाथ से भोलेनाथ को खुश करने का अवसर छूटे नहीं। यहां जानें महाशिवरात्रि के दिन गलती से भी किन चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए-

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शंख का इस्तेमाल

ज्योतिष और हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि शिव जी की उपासना में शंख का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। शास्त्रों में इसको लेकर एक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था, जो भगवान विष्णु का भक्त था। शंख को उसी राक्षस का प्रतीक माना गया है यही कारण है कि  शिवजी की पूजा में कभी भी शंख नहीं बजाया जाता।

तुलसीदल
वैसे तो तुलसी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हर पूजा कार्य में इसका इस्तेमाल होता है। परंतु विष्णु भगवान को जहां तुलसी अधिक प्रिय है तो वहीं भोलेनाथ की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित माना गया है। कहा जाता है कि जो भी शिवलिंग पर या शिव जी मूर्ति पर गलती से भी तुलसी चढ़ा देता है तो उशकी पूदा पूर्ण नहीं मानी जाती।

तिल 
आप में से बहुत से लोगों ने सुना होगा कईं तरह के धार्मिक कार्यों में तिल का उपयोग किया जाता है। परंतु बता दें कि शिवलिंग पर तिल चढ़ाना वर्जित माना जाता है। इसके पीछे का कारण ये है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ है जिस कारण इसका शिव पूजा में इस्तेमाल नहीं होता।

टूटा हुआ चावल का दाना
इतना तो सभी जानते ही होंगे कि भगवान शिव को अक्षत यानि साबूत चावल अर्पित किया जाता है। लेकिन बता दें कि अगर गलती से चावलों का एक भी दाना टूटा हो तो की गई सारी पूजा व्यर्थ मानी जाती है। क्योंकि टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है।

कुमकुम या सिंदूर
हिंदू धर्म में कुमकुम व सिंदूर को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है जबकि महादेव वैरागी हैं इसलिए कहा जाता है कि शिव जी को कभी कुमकुम नहीं चढ़ना चाहिए। इसके अलावा बता दें कि शिवलिंग पर हल्दी भी न चढ़ानी चाहिए।
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Jyoti

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