महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा बताए ये Tips, Life में जरूर अपनाएं

punjabkesari.in Sunday, Oct 13, 2019 - 02:51 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
भगवान वाल्मीकि जी पूरी दुनिया के कल्याण के लिए शरद पूर्णिमा को तमसा नदी के किनारे प्रकट हुए। आदि कवि भगवान वाल्मीकि जी ने श्रीराम के चरित्र पर आधारित महाकाव्य श्री रामायण की रचना की। इस महाकाव्य की रचना भगवान वाल्मीकि जी ने संस्कृत भाषा में की इसलिए उनको संस्कृत काव्य का पितामह कहा जाता है। इस महाकाव्य में 24000 श्लोक 100 आख्यान, 500 सर्ग और उत्तर कांड सहित 7 कांडों की रचना की। इसलिए आज के समय में उन्हें सब रामायण के रचयिता के रूप में अधिक जानते हैं। चलिए आगे जानते हैं उनके द्वारा बताए गए कुछ ऐसे विचार, जिसे आज के समय में हर किसी को अपनाने चाहिए। 
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वाल्मीकि जी के अनुसार किसी भी वस्तु की आसक्ति हमें निर्बल बना देती है। यानि कि हमें कभी भी किसी चीज़ में अधिक रुचि नहीं रखनी चाहिए। 

कहते हैं कि समय से शक्तिशाली कोई ओर नहीं है, इसलिए हर इंसान को हमेशा समय का सदुपयोग करना चाहिए और हर कार्य को समय पर ही करना चाहिए। 

शास्त्रों के अनुसार मेहमान भगवान के समान होता हैं। इसलिए जब भी कोई घर पर आए तो बिना भोजन करवाए घर से नहीं जाने देना चाहिए। कहते हैं कि इससे पुण्य की प्राप्ति होती है। 
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खुश रहना एक ऐसी चीज़ है जिसे हासिल करना नामुमकिन है। परिस्थिति कैसी भी हो व्यक्ति के हमेशा मुस्कुरा कर ही उसका सामना करना चाहिए। 

कहते हैं कि क्रोध व्यक्ति का सुख-चैन छीन लेता है और इससे अशांति बढ़ती है। मनुष्य को कभी भी गुस्सा नहीं करना चाहिए। क्योंकि गुस्से में किया गया हर काम बाधा ही पैदा करता है। 


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