Mahalaxmi Vrat puja: 16 दिवसीय महालक्ष्मी व्रत आरंभ, इस विधि से भरें धन के भंडार
punjabkesari.in Sunday, Aug 31, 2025 - 07:41 AM (IST)

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Mahalaxmi Vrat puja 2025: महालक्ष्मी व्रत एक अत्यंत पवित्र और विशेष व्रत है, जिसे मुख्य रूप से उत्तर भारत में भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से आश्विन कृष्ण अष्टमी तक लगातार 16 दिनों तक किया जाता है। इसका उद्देश्य माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना और जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य व धन-धान्य की वृद्धि करना है। आप भी अपने धन के भंडार भरना चाहते हैं तो इस विधि से करें 16 दिवसीय महालक्ष्मी व्रत की पूजा।
Mahalaxmi Vrat Puja Material महालक्ष्मी व्रत पूजा सामग्री- महालक्ष्मी जी की ऐसी तस्वीर जिसके दोनों तरफ हाथी अपनी सूंड उठाएं हो। आम के पत्ते, सूखा नारियल, सफेद रेशमी वस्त्र, लाल रेशमी धागा, गंगा जल, हल्दी, साबुत चावल, सुपारी, पान, दूर्वा, कलावा, लाल चुनरी आदि। शास्त्रों में कलश पूजन के समय तांबे का कलश सबसे शुभ माना जाता है। यदि ये मिलना संभव न हो तो पीतल या मिट्टी का कलश भी रखा जा सकता है। कलश पर वरुण देव को विराजित किया जाता है। कलश में गंगा जल, सुपारी, आम के पत्ते, दूर्वा, नारियल और तांबे का पैसा डालना सबसे शुभ रहेगा।
Method of worship of Mahalaxmi fast महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि : शास्त्रनुसार इस व्रत में 16 दिनों तक हाथी पर विराजित लक्ष्मी की स्थापना प्रदोष में नीचे दिए गए संकल्प मंत्र लेकर करें। चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर केसर-चंदन से रंगे अक्षत से अष्टदल बनाकर कलश स्थापित कर मिट्टी से बने 2 हाथियों संग गजलक्ष्मी की मूर्ति प्रतिष्ठित करें। गजलक्ष्मी की 16 उपायों से षोडशोपचार पूजा करें। गौघृत का दीप व सुगंधित धूप करें, रोली, चंदन, ताल, पत्र, दूर्वा, इत्र, सुपारी, नारियल व कमल पुष्प चढ़ाएं। नैवेद्य में गेहूं के आटे से बना मीठा रोट चढ़ाएं व 16 श्रृंगार चढ़ाएं। हल्दी से रंगे 16-16 सूत के 16 सगड़े बनाकर हर सगड़े पर 16 गांठे देकर गजलक्ष्मी पर चढ़ाएं। इस व्रत में 16 बोल की कथा 16 बार कहें व कमलगट्टे की माला से इस विशिष्ट मंत्र का 16 माला जाप करें।
Mahalaxmi vrat sankalp mantra महालक्ष्मी व्रत संकल्प मंत्र: करिष्यsहं महालक्ष्मि व्रत में त्वत्परायणा। तदविध्नेन में यातु समप्तिं स्वत्प्रसादत:॥
Story of Mahalaxmi Vrat 16 Bol महालक्ष्मी व्रत सोलह बोल की कथा: अमोती दमो तीरानी, पोला पर ऊचो सो परपाटन गांव जहां के राजा मगर सेन दमयंती रानी, कहे कहानी। सुनो हो महालक्ष्मी देवी रानी, हम से कहते तुम से सुनते सोलह बोल की कहानी॥
Mahalakshmi Vrat Mantra महालक्ष्मी व्रत मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं गजलक्ष्म्यै नमः॥