महालक्ष्मी मंदिर में भाईदूज तक रहेगी खास सजावट, कोरोना की वजह से दूर से होंगे दर्शन

Friday, Nov 13, 2020 - 01:53 PM (IST)

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रतलाम:
धन-वैभव से सजे महालक्ष्मी मंदिर के पट धनतेरस पर गुरूवार से खोले गए। पट खुलते ही भक्तों ने जय मां लक्ष्मी के जयकारों के साथ दर्शन किए। मंदिर खुलने के पहले से ही सुखसमृद्धि की आस में मां लक्ष्मी के वैभव को निहारने दर्शन के लिए भक्तों की लाइन लग गई। दिनभर मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। पंजाब केसरी के संवाददाता समीर खान के रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में मंदिर को नोटों की लडियों से सजाया जा रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरों के साथ पुलिस जवानों द्वारा हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मंदिर से धनतेरस के दिन कुबेर पोटली का वितरण नहीं होगा। वहीं श्रद्धालुओं द्वारा दी गई नगदी ओर जेवरात की इंट्री श्रद्धालु का नाम व दी गई सामग्री की जानकारी रजिस्टर में दर्ज कर टोकन दिए जा रहे हैं। इसी टोकन के आधार पर सामग्री वापस लौटाई जाएगी। भक्तों का कहना है कि मातारानी के दरबार में जो राशि सजावट के लिए दी जाती है, वह प्रसाद के रूप में घर में रखने पर हमेशा बरकत बनी रहती है।

पहले धनतेरस पर दूर-दूर से श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते थे, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते यहां कम लोगों के पहुंचने की संभावना है। इस बार कोरोना को लेकर सतर्कता भी बरती जा रही है। इस कार कोरोना की वजह से  मंदिर से कुबेर पोटली नहीं दी जा रही है। जिससे कई श्रद्धालुओं को निराश होकर जाना पडा। धनतेरस से पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व की शुरुआत हो गई है। माणकचौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर पर नोटों व आभूषणों से सज गया है। यह सजावट भाईदूज तक रहेगी। सुबह आरती के बाद मंदिर के पट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए। देर रात दर्शन के लिए मंदिर में भक्तों का आना-जाना लगा रहा। रतलाम के अलावा अन्य प्रदेशों से भी बडी संख्या में भक्त रतलाम आए।

धनतेरस को मंदिर से कुबेर पोटली का वितरण भी किया जाता है। मान्यता है कि कुबेर पोटली को घर में रखने पर सालभर समृद्धि बनी रहती है, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से कुबेर की पोटली नही दी जा रही है। वहीं महालक्ष्मी मंदिर पर सुरक्षा के काफी इंतजाम किए गए है। मंदिर के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है जिनकी विशेष तोर पर निगरानी की जा रही है। वहीं मंदिर के चारों तरफ बेरिकेटस लगा दिए गए है ओर श्रद्धालुओं को लाईन में लगकर बाहर से ही दर्शन करने पड़ रहे है।


 

Jyoti

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