महाकालेश्वर मंदिर में भीड़ के बावजूद आसानी से हो रहे हैं महाकाल के दर्शन

Wednesday, Aug 03, 2022 - 01:55 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
उज्जैन:
मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित भगवान महाकालेश्वर मंदिर में शिव पूजा के धार्मिक महत्व के श्रावण मास में देश-विदेश से दर्शनार्थियों का अत्यधिक संख्या में आने का सिलसिला सतत जारी है। उसके बावजूद यहां दर्शनार्थी सुगमता से दर्शन लाभ ले रहे हैं। विश्व प्रसिद्ध भगवान महाकालेश्वर का मंदिर तीन खंडों में विभक्त है। सबसे नीचे खंड में भगवान महाकालेश्वर दूसरे खंड में ओकारेश्वर एवं तीसरे खंड में नाथ चंद्रेश्वर का मंदिर स्थित है। यह मंदिर के वर्ष में केवल नाग पंचमी पर्व पर पट खुलते हैं। कल नाग पंचमी के मौके पर लाखों दर्शनार्थियों ने दर्शन किए। पिछले 2 वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना के प्रतिबंधों के कारण दर्शनार्थी यहां नहीं पहुंच पाए थे। लेकिन इस बार श्रावण महीने में भगवान महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में दर्शनार्थियों का आने का सिलसिला सतत जारी है और मंदिर में प्रतिदिन तड़के होने वाली भस्म आरती हजारों की संख्या में दर्शनार्थी शामिल हो रहे हैं।

विशेषकर महाकालेश्वर मंदिर में प्रति शनिवार रविवार एवं सोमवार को आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या प्रतिदिन की तुलना में अत्यधिक होती है। भगवान महाकालेश्वर मंदिर में प्राचीन परंपरा अनुसार गवालियर स्टेट के समय से मराठा पंचांग अनुसार डेढ़ माह का श्रावण उत्सव मनाया जाता है। क्योंकि मराठा पंचांग अनुसार तिथि की गणना अमावस्या से अमावस्या तक की जाती है, लेकिन अन्य पंचांग में तिथि की गणना पूर्णिमा से पूर्णिमा तक की जाती है। इस कारण मंदिर में डेढ़ माह तक सावन महीने में दर्शनार्थियों का आने का सिलसिला चलता रहता है।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें

आधिकारिक जानकारी के अनुसार सावन भादो मास में श्री महाकालेश्वर के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग आसपास के जिलों एवं विभिन्न प्रदेशों से उज्जैन आ रहे हैं। भगवान महाकाल के दर्शन सभी आगंतुक श्रद्धालुओं को सुगमता से हो सके इसके लिए प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्थाएं की गई है। विभिन्न दिशाओं से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग स्थानों पर पाकिर्ंग की व्यवस्था की गई है।इनमें इंदौर एवं देवास की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ककर्राज मंदिर के पास तथा बड़नगर एवं आगर क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कार्तिक मेला ग्राउंड पर पाकिर्ंग करने की व्यवस्था की गई। वहां से श्रद्धालु के नरसिंह घाट तक आकर बैरिकेट्स के माध्यम से मंदिर तक जाने की व्यवस्था की गई है। राज मंदिर के पास एवं नरसिंह घाट के पास जूता स्टैंड बनाये गए है। पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं के पांव जले नही इसके लिए कारपेट बिछाया गया है। गर्मी से बचने के लिए छाया आदि की व्यवस्थाओं को भी प्रशासन द्वारा किया गया है। विभिन्न स्थानों से आने वाले श्रद्धालु सुगम दर्शन के उपरांत प्रसन्नता से अपने अपने गन्तव्य की ओर लौटते हुए नजर आ रहे हैं। दर्शन व्यवस्था का कलेक्टर आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला निरंतर कंट्रोल रूम से एवं बाहर घूम कर निरीक्षण कर रहे हैं। 

Jyoti

Advertising