Mahakal Bhairav Ashtami: महाकाल भैरव अष्टमी पर करें ये उपाय, हर दुख होगा दूर

Tuesday, Dec 05, 2023 - 08:21 AM (IST)

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Kaal Bhairav Ashtami 2023: भैरव जी को तंत्र का देवता माना जाता है। तंत्र शास्त्र के अनुसार भैरव जी की कृपा के बिना तंत्र साधना पूरी नहीं होती। माना जाता है कि भगवान काल भैरव के 52 स्वरूप हैं। जिस पर कालभैरव जी की कृपा हो जाती है उसे सभी कष्टों और ऋण से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है व परेशनियों का नाश होता है। जानें, कालभैरव जयंती पर भगवान कालभैरव को प्रसन्न करने के सरल उपाय- 


Kaal Bhairav Jayanti ke upay: कालभैरव अष्टमी पर ऐसे भगवान कालभैरव मंदिर में जाएं, जहां कम लोग जाते हों। उस मंदिर में जाकर कालभैरव जी को सिंदूर, तेल और चोला अर्पित करें। फिर नारियल, पुए, जलेबी का भोग लगाएं। पूजा करने के बाद प्रसाद बांट दें। कहा जाता है कि जहां भैरव जी की पूजा नहीं होती वहां पूजा करने से भैरवनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं। 

काल भैरव अष्टमी को सुबह शीघ्र उठकर स्नादि कार्यों से निृवत होकर काल भैरव की विधिवत पूजा करें और शाम को सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित कर समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। 

भगवान कालभैरव जयंती के दिन 21 चंदन बिल्व पत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके साथ ही एक मुखी रुद्राक्ष भी चढ़ाएं। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।    

एक रोटी लेकर उस पर अपनी तर्जनी और मध्यमा अंगुली तेल में डुबोकर लाइन खींचें। यह रोटी दो रंग वाले कुत्ते को खाने के लिए दें। यदि कुत्ता रोटी खा ले तो समझिए कि काल भैरव जी का आशीर्वाद मिल गया है। अगर कुत्ता रोटी को सूंघ कर आगे चला जाए ये क्रम जारी रखें। लेकिन सप्ताह में रविवार, बुधवार व गुरुवार को ही ये उपाय करें क्योंकि ये तीन भगवान कालभैरव के माने गए हैं। 

ऋण से मुक्ति पाने के लिए कालभैरव अष्टमी की सुबह शीघ्र उठकर स्नादि कार्यों से निवृत होकर शिवालय जाकर शिवलिंग पर बिल्वपत्र अर्पित करके पूजा करें। भगवान शिव के सामने आसन्न में बैठकर रुद्राक्ष का माला में  ऊं ऋणमुक्तेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें। 

शनिवार की रात सरसों के तेल में उदड़ की दाल के पकोड़े बनाकर उन्हें रात भर ढककर रख दें। सुबह शीघ्र उठकर बिना किसी से कुछ कहे घर से बाहर जाकर रास्ते में मिलने वाले पहले कुत्ते को खिलाएं। याद रखें पकौड़े डालने के बाद कुत्ते को पलट कर न देखें। यह प्रयोग सिर्फ रविवार के लिए हैं।  

भगवान कालभैरव को सवा किलो जलेबी चढ़ाएं। उसके बाद इसे गरीबों में प्रसाद स्वरूप वितरित कर दें। पांच नींबू, पांच गुरुवार तक भैरव जी को अर्पित करें। किसी कोढ़ी, भिखारी को मदिरा की बोतल या काला कंबल दान करें। ऐसा करने से कालभैरव जी प्रसन्न होते हैं। 

कालभैरव अष्टमी पर सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा 11 रुपए, सवा मीटर काले कपड़े में पोटली बनाकर भैरव नाथ के मंदिर जाकर अर्पित करें। 

भैरवनाथ की जयंती पर शिवालय में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करके उन्हें काले तिल अर्पित करें। इसके पश्चात मंदिर में बैठकर मन में ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।


Kala Bhairava Mantra: भगवान कालभैरव जी को प्रसन्न करने के लिए उनका विधिवत पूजन करके नीचे लिखे मंत्र की 11 माला जाप करें-
ऊं कालभैरवाय नम:।
ऊं भयहरणं च भैरव:।
ऊं ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
ऊं भ्रां कालभैरवाय फट्

Niyati Bhandari

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