Mahabharat krishna story: जब श्री कृष्ण ने प्रेम से खाए केले के छिलके

Saturday, Jan 29, 2022 - 11:38 AM (IST)

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Mahabharat krishna story: श्रीकृष्ण जब दूत बनकर हस्तिनापुर गए, तब दुर्योधन के स्वागत-सत्कार को ठुकराकर उन्होंने विदुर के घर जाना ही ठीक समझा। विदुर की पत्नी परम साध्वी, त्याग की मूर्ति थीं। जिस समय श्रीकृष्ण पहुंचे, विदुर कहीं बाहर थे। विदुर पत्नी नहा रही थीं। स्वेच्छा ओढ़ी गरीबी के कारण घर में वस्त्रों का अभाव था, अतएव वह निर्वस्त्र स्नान कर रही थीं।

जैसे ही श्रीकृष्ण की आवाज आई-‘‘किवाड़ खोलो, मैं कृष्ण खड़ा हूं, मुझे बड़ी भूख लगी है।’’ 

वह सुध-बुध खोकर उन्मत्त स्थिति में दौड़ीं और उसी स्थिति में दरवाजा खोल दिया। भगवान ने उनकी प्रेमोन्मत्त स्थिति देखी और अपना पीतांबर उनको ओढ़ा दिया।

उसी स्थिति में ले जाकर उलटे पीढ़े पर बैठाकर वे केले के छिलके निकाल कर गूदा फैंकती रहीं व छिलके श्रीकृष्ण को खिलाने लगीं। भगवान ने बड़े प्रेम से सराह-सराह कर छिलके खाए।  

Niyati Bhandari

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