Mahashivratri: छप्पर फाड़ लाभ के लिए महाशिवरात्रि पर्व पर रखें कुछ बातों का ध्यान
punjabkesari.in Monday, Feb 24, 2025 - 08:14 AM (IST)

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Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव के जलाभिषेक का विशेष महत्व है। इस दिन जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और सारे संकट पल में दूर हो जाते हैं। महाशिवरात्रि भक्तों को विशेष फल देने वाली है। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का अभिषेक कर पाया जा सकता है छप्पर फाड़ धन, कर्जों से मुक्ति, व्यापार में प्रगति और विद्या में उन्नति।
प्रात: काल स्नान से निवृत्त होकर एक वेदी पर कलश की स्थापना कर गौरी-शंकर की मूर्ति या चित्र रखें। कलश को जल से भर कर रोली, मौली, अक्षत, पान सुपारी, लौंग, इलायची, चंदन, दूध, दही, घी, शहद, कमलगट्टा, धतूरा, बिल्व पत्र, कनेर आदि अर्पित करें और भगवान शिव की आरती पढ़ें। रात्रि जागरण में भगवान शिव की चार आरती का विधान आवश्यक माना गया है। शिव पुराण का पाठ भी कल्याणकारी है।
चेतावनी: भगवान शंकर पर अर्पित किया गया नैवेद्य, खाना निषिद्ध माना गया है। त्रयोदशी के दिन एक समय आहार ग्रहण कर चतुर्दशी के दिन व्रत करना चाहिए।
विशेष: बेल पत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इसका चिकना भाग शिवलिंग से स्पर्श करना चाहिए। नील कमल भगवान शिव का प्रिय पुष्प माना गया है। अन्य फूलों में कनेर, आक, धतूरा, अपराजिता, चमेली, नाग केसर, गूलर आदि के फूल चढ़ाए जा सकते हैं।
जो पुष्प वर्जित हैं वे हैं- कदंब, केवड़ा
ध्यान रखें: महाशिवरात्रि के दिन काले तिलों सहित स्नान करके व्रत रख कर रात्रि में भगवान शिव की विधिवत आराधना करना कल्याणकारी माना जाता है। दूसरे दिन अर्थात अमावस के दिन मिष्ठान्न आदि सहित ब्राह्मणों तथा शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों को भोजन देने के बाद ही स्वयं भोजन करना चाहिए।