शनि दोष के कारण लाइफ में हो रहा है सब बुरा तो...

Saturday, May 02, 2020 - 03:12 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
मंगल ग्रह के बाद अगर कोई ग्रह स्वामी है जिनसे मनुष्य अधिक डरता है क्योंकि मान्यताओं के अनुसार मंगल देव के बाद इन्हें ही सबर क्रूर ग्रह कहा जाता है। परंतु असल में ऐसा नहीं है धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है शनि देव हर किसी पर अपना बुरा प्रभाव नहीं डालते। बल्कि ये सिर्फ उस व्यक्ति पर क्रोधित होते हैं जिनके कर्म अच्छे नहीं होते। जिसका मतलब ये हुआ कि हर किसी को इनसे डरने की आवश्यकता नहीं होती। तो वहीं कुछ ऐसे लोग होते हैं जो अपने जीवन में जाने अनजाने कुच गलतियां कर बैठते हैं मगर उसे सुधराने की कोशिश तो करते हैं ताकि उन पर शनि देव की अशुभ नज़र न पड़े। मगर उसमें सफल नहीं होते। ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए इस बात से वो अवगत नहीं होते कि कौन से ऐसा रामबाण उपाय किया जाए कि शनि दजेव की कृपा प्राप्त हो सके।

जी हां, आपका सोचना गलत नहीं है हम आपको इन ऐसा ही रामबाण उपाय बताने जा रहे हैं जो आपके लिए अधिक लाभदायक साबित हो सकता है। 

शनि दोष निवारण के लिए नित्य भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जप करना चाहिए तथा महामृत्युंजय मंत्र- 'ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्' का जप करने का विधान है।

परंतु बता दें इसक अलावा भी शनिदेव के जिन्हें शनिवार के दिन या शनि जयंती पर पढ़ने से ऐसे लाभ प्राप्त होते हैं जो किसी चमत्कार से कम नहीं होते।  

यहां जानें वो चमत्कारी मंत्र कौन से हैं-

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।

ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।

कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।

सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

किसी भी विद्वान ब्राह्मण से या स्वयं शनि के तंत्रोक्त, वैदिक मंत्रों के 23,000 जाप करें या करवाएं।

शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

Jyoti

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