गुप्त नवरात्र अष्टमी कल: कन्या को खिलाएं ये चीज, बदलेगा भाग्य

Wednesday, Jan 24, 2018 - 09:46 AM (IST)

आज गुरुवार दि॰ 25.01.18 को माघ शुक्ल अष्टमी को गुप्त नवरात्र के अंतर्गत अष्टम दुर्गा देवी महागौरी का पूजन किया जाएगा। महागौरी के तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाशमय है। इनकी शक्ति अमोघ फलदायिनी है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार महागौरी के अंश से कौशिकी का जन्म हुआ जिसने शुंभ-निशुंभ का अंत किया। महागौरी ही महादेव की पत्नी शांभवी हैं। पौराणिक कथानुसार देवी पार्वती तप वश श्यामल हो जाती हैं, ऐसे में महादेव उन्हें गंगा स्नान करवाकर गौर वर्ण का वरदान देते हैं, जिनसे देवी का वर्ण अत्यंत गौर हो जाता है। शास्त्रनुसार राहू ग्रह व नैऋत्य दिशा की स्वामिनी देवी महागौरी का स्वरूप चांदनी के सामन श्वेत है, श्वेत वस्त्र धारिणी देवी सफ़ेद वृष पर सवार हैं। चतुर्भुजी देवी की ऊपरी दाईं भुजा अभय मुद्रा में है, निचली दाईं भुजा में त्रिशूल व ऊपरी बाईं भुजा में डमरू है, नीचे वाली बाईं भुजा वरदान मुद्रा में है। ज्योतिष शास्त्रनुसार देवी महागौरी का संबंध व्यक्ति की कुंडली के छठे व आठवें भाव से है। अतः देवी व्यक्ति के शत्रुनाश, रोगनाश, दांपत्य, आयु,  विवाहबाधा व गृहस्थी पर अपना स्वामित्व रखती है। महागौरी की अराधना से रोगों का नाश होता है, दांपत्य सुखी रहता है व दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है। 


पूजन विधि: घर के नैऋत्य कोण में दक्षिण-पश्चिम मुखी होकर सफ़ेद कपड़े पर महागौरी का चित्र स्थापित कर उसका दशोपचार पूजन करें। केसर मिले गौघृत का दीप करें, मोगरे की धूप करें, सफ़ेद-नीले फूल चढ़ाएं, चंदन से तिलक करें, दूध-शहद चढ़ाएं, व मावे की मिठाई का भोग लगाएं तथा 1 माला इस विशिष्ट मंत्र की जपें। पूजन के बाद भोग कन्या को खिलाएं। जल्द बदलेगा आपका भाग्य और हर सपना होगा सच


पूजन मंत्र: ॐ महागौर्यै देव्यै: नमः ॥
पूजन मुहूर्त: प्रातः 11:15 से दिन 12:15 तक।


उपाय
रोगों के नाश हेतु दही पर हल्दी व काली मिर्च छिड़क कर महागौरी पर चढ़ाएं।


सुखी दांपत्य की प्राप्ति हेतु 7 केले नीले धागे में पिरोकर महागौरी पर चढ़ाएं।


दुर्घटनाओं से सुरक्षा हेतु महागौरी पर चढ़े 8 नींबू सिर से वारकर चौराहे पर रख दें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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