Magh Gupt Navratri: गुप्त नवरात्रि में इन मंत्रों का करें जाप, बड़े से बड़ा संकट टलने में नहीं लगेगा बिल्कुल भी समय

Friday, Feb 16, 2024 - 08:59 AM (IST)

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Magh Gupt Navratri 2024: हिन्दू धर्म में नवरात्रि के पर्व को बहुत ही खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग के अनुसार साल में 4 बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है 2 गुप्त और 2 प्रत्यक्ष। इसके मुताबिक माघ का महीना चल रहा है और 10 फरवरी 2024 से माघ माह के गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। जो व्यक्ति गुप्त रूप से महाविद्याओं की पूजा करता है उसके जीवन में कोई परेशानी नहीं रहती है और बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है। यह पूजा सार्वजनिक तौर पर नहीं की जाती है। जो व्यक्ति एक बार ये पूजा कर लेता है संकटों का बादल उनके ऊपर से हट जाता है। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कौन सी हैं ये महाविद्याएं और कौन से मंत्र जाप से फायदा देखने को मिलेगा। 

10 Mahavidyas and their mantras 10 महाविद्याएं और उनके मंत्र 

Maa Kali  मां काली- 10 महाविद्याओं में से मां काली आदि शक्ति का पहले रूप हैं। जो व्यक्ति इनकी पूजा करता है उसे जीवन में शत्रुओं का सामना नहीं करना पड़ता है। 

देवी काली का मंत्र- ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिका क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा।।

Tara Devi तारा देवी- देवी तारा की पूजा करने से जीवन से बड़ा से बड़ा संकट टल जाता है। मां का यह रूप सौंदर्य और ऐश्वर्य प्रदान करने वाला है। जो जातक इनकी पूजा करता है उसे जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं देखनी पड़ती है। 

देवी तारा का मंत्र: ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्।।

त्रिपुर सुंदरी- 10 महाविद्याओं में एक हैं त्रिपुर सुंदरी का रूप। इनका रूप बहुत ही सुन्दर और मनमोहन है। देवी मां की चार भुजा और तीन नेत्र हैं। जो जातक मां की पूजा करता है उसे सुन्दर रूप और प्रेम एक आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

देवी त्रिपुर सुंदरी का मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः।।

भुवनेश्वरी मां- भुवनेश्वरी मां को सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली माना जाता है। इनकी पूजा करने से जातक बहुत सी सिद्धियां प्राप्त कर सकता है। 

देवी भुवनेश्वरी का मंत्र- ह्नीं भुवनेश्वरीयै ह्नीं नम:।।

त्रिपुर भैरवी- मां त्रिपुर भैरवी सदैव अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में कभी भी रुकावटों का सामना नहीं करना पड़ता है। यह श्री विद्या के रूप से भी जानी जाती हैं। इनका एक नाम षोडशी भी है। 

देवी त्रिपुर भैरवी का मंत्र- ॐ ह्रीं त्रिपुर भैरवै नमः।।

छिन्नमस्ता-छिन्नमस्ता मां का शीश शरीर से अलग है। छिन्नमस्ता मां का स्वरूप उग्र है। इनकी पूजा हमेशा शांत भाव से ही की जाती है। रोग और नाश से मुक्ति पाने के लिए इनकी पूजा बताई गई है। 

देवी छिन्नमस्ता का मंत्र- श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा।।

मां धूमावती- जिन जातकों को बहुत भय लगता है उनको आदि शक्ति महाविद्या मां धूमावती की पूजा करनी चाहिए। 

देवी धूमवती का मंत्र- ऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:।।

मां बगलामुखी- 10 महाविद्या में मां बगलामुखी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। यह देवी पीले वस्त्र धारण करती हैं। जो जातक इनकी पूजा करता है उसे धन-दौलत के साथ अनेक सिद्धियां प्राप्त होती हैं। 

देवी बगलामुखी का मंत्र- ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नमः

मां मातंगी- मां मातंगी अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करती हैं। ज्ञान और कला की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा करनी चाहिए। 

देवी मातंगी का मंत्र- ॐ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा।।

मां कमला- दरिद्रता, कलह और कंगाली को दूर करने के लिए मां कमला की पूजा सर्वश्रेठ मानी गई है। इनकी साधना करने से व्यक्ति हमेशा खुश रहता है। 

देवी कमला का मंत्र- ॐ ह्रीं अष्ट महालक्ष्म्यै नमः।।

Prachi Sharma

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