500 साल से भी इस प्राचीन हनुमान मंदिर में सालों से जल रही है अखंड जयोति

Monday, May 09, 2022 - 05:34 PM (IST)

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भारत देश में मंदिरों की कमी नहीं है, कहा जाता इस देश की सैर पर निकला जाए तो पैर-पैर पर हिंदू धार्मिक स्थल पाए जाते हैं। जिसमें कई मंदिरों के बारे में हम आपको अपनी वेबसाइट के माध्यम से बता चुके हैं। इसी के साथ आज फिर हम आपके लाए हैं एक ऐसा ही मंदिर जिसका रहस्य चौका देने वाला है। जी हां, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के खिलचीपुर नगर में स्थित हनुमान मंदिर की, जिसे खड़ी बावड़ी हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। लोक मत की मानें तो हनुमान जी का ये धर्म स्थल अधिक पुराना है। अगर बात करें मंदिर की इतिहास की तो 1544 में खिलचीपुर राजा उग्रसेन ने खिलचीपुर नगर बसाया था, जिसके आस पास व चारों ओर खेड़ापति हनुमान मंदिर की स्थापन की थी। माना जाता है तब से है ये हनुमान मंदिर यही स्थित है। लोक मत है 500 वर्ष से भी पुराने इस मंदिर में वीर हनुमान जी एक चमत्कारी मूर्ति स्थापित है, साथ ही साथ इस मंदिर में लगभग 31 वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है तथा अखंड पारायण का पाठ लगातार हो रहा है। 

बात करें मंदिर में स्थापित मूर्ति की तो लोक मत है कि ये एक चमत्कारी मूर्ति जिसके दर्शर करने मात्र से भक्तों के बड़े से बड़े संकट टल जाते हैं। तो वहीं लोगों का मानना ये भी कि ये प्रतिमा इतनी निराली है कि इसके दर्शन करने वाले हर व्यक्ति के मन को अनुपम शांति का अनुभव होता है। 

वर्षों से हो रहा है मंदिर में अखंड पारायण का पाठ-
बताया जाता है नगर के प्राचीन खड़ी बावड़ी मंदिर में सन 1991 से लोगों के सहयोग से अखंड ज्योत अखंड रामायण चल रही है। यहां पर लगातार रामायण होने के चलते ये स्थान चमत्कारी स्थल के रूप में न केवल देश में बल्कि अनेक विदेशों में भी विख्यात हो रहा है। 

यहां अखंड रामायण का पाठ अपनी ओर से कराने के लिए नगर और आसपास के कोने-कोने से भक्तजन आते रहते हैं। मंदिर के पुजारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह मंदिर हजारों भक्तजनों की आस्था का केंद्र है। जो व्यक्ति यहां सच्चे मन से हनुमान जी से प्रार्थना करता है, उसकी हर कामना पूरी होती है तथा समस्त रूप के कष्ट और पाप से छुटकारा मिलता है।  


मंदिर के पुजारियों द्वारा 1991 से मंदिर में अखंड पारायण जारी है। बता दें हनुमान जी के साथ-साथ यहां शंकर जी का भी मंदिर स्थित है  है। वर्षभर यहां अनुष्ठान व मृत्युंजय जप होते हैं। तो वहीं विभिन्न प्रकार के रोग निवारण के लिए हनुमान जी के पाठ सुंदरकांड, रामायण जी, रामचरितमानस लगातार होता है। 

खासतौर पर हनुमान जयंती पर हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर आते हैं। कहा जाता है जब खिलचीपुर को बसाया गया था तब से ही ये मंदिर है। नगर को विभिन्न प्रकार के क्लेश, कष्टों से बचाने के लिए राजा उग्रसेन ने वीर हनुमान जी की स्थापना की थी। मंदिर के पुजारियों द्वारा बताया जाता है 'यहां के राजा ने नगर बसाया था, उस समय चार खेड़ा पतियों की स्थापना की थी, जिनमें से एक यहां वीर हनुमान मंदिर है।

Jyoti

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