Chaitra Navratri 2021: मां कात्यायनी करवाएंगी Love marriage

Saturday, Apr 17, 2021 - 02:50 PM (IST)

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Navratri 2021 6th Day: शक्ति उपासना के नौ दिनों में छठे दिन मां के दिव्य कात्यायनी रूप की पूजा की जाती है। देवी कात्यायनी मां पार्वती का ही दूसरा नाम है। मार्कण्डेय पुराण में मां के इस रूप का बड़ा ही अद्भुत वर्णन है। कात्यायन ऋषि की तपस्या पर उन्हें मां कात्यायनी पुत्री रुप में प्राप्त हुई। उन्हें ही मां की प्रथम पूजा का अवसर मिला और उनके नाम पर मां का नाम पड़ा। मां की उत्पति महिषासुर का वध करने के लिए हुई थी। इनका स्वरूप चमकीला और दिव्य है। इनकी पूजा में लाल व पीले वस्त्र का उपयोग होता है। इनकी आराधना करके ब्रज की गोपियों ने भगवान कृष्ण को पति रूप में पाया था। इनकी सच्चे मन से आराधना करने पर आपको इच्छित वर की प्राप्ति हो सकती है।


Maa katyayani puja vidhi इस विधि से करें पूजा- मां की पूजा में लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल श्रृंगार और लाल आसन का प्रयोग करें। मनचाहे वर की प्राप्ति लिए मां को हल्दी की गाठें चढ़ाएं।

Maa katyayani mantra मां कात्यायनी के बीज मंत्र का 108 बार उच्चारण करें। उसके बाद माता के चरणों से मोइया नामक औषधि लगाकर उसको धागे में पिरोकर गले में धारण करें। आपको मनोवांछित वर की प्राप्ति होगी।

मां कात्यायनी बीज मंत्र-
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम ओम देवी कात्यायन्यै नमः॥

एत्तते वदनम साओमयम् लोचन त्रय भूषितम। पातु नः सर्वभितिभ्य, कात्यायनी नमोस्तुते।।

गौधुली बेला में मां की आराधना अधिक शुभ फल देती है। इस समय उत्तर मुख बैठ कर माता का ध्यान करें और इस मंत्र का जाप करें। आपको माता की कृपा प्राप्त होगी जिससे आप को हर क्षेत्र में विजय मिलेगी।

कात्यायनी शुभं दद्द्याद देवी दानवघातिनी।। या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। वन्दे वांछित मनोंरथार्थ चंद्राध्रिकृतशेखरम।


गोधूलि बेला का समय 6:34 से लेकर 6:49

आज छोटी कन्याओं के साथ-साथ सुहागिनों को मेहंदी, कुमकुम और इत्र भेंट करें। ऐसा करने से हर इच्छा पूरी होगी एवं धन की आवक बढ़ेगी।

घर की दक्षिण दिशा में श्री कृष्ण का राधा रानी संग चित्र लगाएं।

माता को मुनक्का चढ़ाने से दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ेगी।

नीलम
neelamkataria0012@gmail.com

 

Niyati Bhandari

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