षष्ठम रूप-माता कात्यायनी 'गूंज रहा शंखनाद मंदिरों में...'

Friday, Oct 04, 2019 - 11:18 AM (IST)

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आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है और इस दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। माता कात्यायनी मन की शक्ति की देवी है और आज माता कात्यायनी की उपासना से सभी इन्द्रियों को वश में किया जा सकता है। ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। चलिए आगे करते हैं माता का स्तुति गान- 

भव्य रूप मैया कात्यायनी का,
लगाओ भक्तो मां के जयकारे!
गूंज रहा शंखनाद मंदिरों में,
बिगड़ा हर काज मां सवारे!!
भव्य रूप मैया कात्यायनी का ...मां संवारे!!

ऋषि कात्य के घर लिया अवतार,
महिषासुर का जब आतंक छाया!
किया युद्ध, पहले ललकारा उसको,
अस्तित्व धरा से मिटाया!!
मिली मुक्ति भय, खौफ से,
सुख-शांति,सकूं की बेला आई!
जय-जयकार हुई सारे जग में,
देख-देख मां भी मुस्कुराई!!
कदम पड़े जिस दर मां के,
लौट आईं पल में बहारें!!
भव्य रूप मैया कात्यायनी का ...मां संवारे!!

माता पार्वती, नारायणी, जगदम्बे,
करे स्मरण जो तन-मन-धन!
आंगन में आएं सदा खुशियां,
महक जाए मन का उपवन!!
परिपूर्ण आत्मदान का जज्बा,
हो मां के दर्शन भक्तों को!
हो प्राप्ति मनवांछित फल की,
मैया की सारी संगतों को!!
मीठे सुर में गाएं महिमा मां की,
फूल बन जाएं दहकते अंगारे! 
भव्य रूप मैया कात्यायनी का ...मां संवारे!!

पाप जन्मों के नष्ट करने वाली,
अनंतफल दायिनी तू माता!
ब्रह्मा, विष्णु, महेश फूल बरसाएं,
भक्त भाग्य पर इतराता!!
कहे झिलमिल कविराय अम्बालवी,
रखो सर पे आशीर्वाद का हाथ!
बसी रहे तू हर पल सांसों में,
उम्र भर रहे मां तेरा साथ!!
पथ उज्जवलता का दिखलाए,
तू हरती गमों के अंधियारे!
भव्य रूप मैया कात्यायनी का ...मां संवारे!!

Lata

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