एक ऐसा मंदिर जहां रक्षा बंधन पर होता है पत्थरों से युद्ध !

Thursday, Aug 08, 2019 - 10:08 AM (IST)

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हमारे देश में ऐसे बहुत से मंदिर स्थापित हैं, जोकि बहुत ही अद्भुत और अलौकिक हैं। आज हम आपको एक ऐसे मेंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आप में से कोई जानता होगा। यह मंदिर मां बाराही धाम देवीधुरा के नाम से प्रसिद्ध है और इसे गिने चुने वैष्णव मंदिरों में से एक माना जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से। 

मां बाराही धाम देवभूमि उत्तराखंड में स्थापित है। यहां पर पृथ्वी माता की बाराही स्वरूप में पूजा होती है। इस मंदिर की एक खास बात यह भी है कि ये धाम पत्थर युद्ध के लिए भी प्रसिद्ध है, जोकि केवल रक्षा बंधन पर ही होता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा बहुत प्रसिद्ध है। 

कथा के अनुसार जब हिरणाक्ष्य पृथ्वी को पाताल लोक ले जा रहा था तो पृथ्वी ने भगवान विष्णु से अपनी रक्षा के लिए करुण पुकार की। उनकी पुकार सुनकर भगवान विष्णु बैकुंठ छोड़कर पृथ्वी को बचाने चले आए। श्रीहरि ने वाराह अवतार लेकर पृथ्वी को अपने बाम अंग में ले लिया और उसे डूबने से बचाया। तभी से पृथ्वी स्वरूप वैष्णवी बाराही कहलाईं। 

मां बाराही सदियों से यहां गुफा में विराजमान हैं, भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उनके दर्शन करने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से गर्भ गुफा में प्रवेश कर मां बाराही का ध्यान करता है, मां उसकी समस्त मनोकामनाओं को पूरी कर देती हैं।

हर साल इस स्थान पर पत्थर से युद्ध होता है और ये युद्ध रक्षाबंधन पर ही होता है। बाराही धाम में होने वाले युद्ध को 'बग्वाल' कहा जाता है। देवीधुरा के खोलीखांड़ दुबाचौड़ में वालिक, लमगड़िया, चम्याल और गहड़वाल खामों यानि दलों के लोग दो भागों में बंटकर यह पत्थर युद्ध खेलते हैं। देवासुर संग्राम में मुचकुंद राजा की सेना ने भी भाग लिया था, जिसने असुरों को मां बाराही की कृपा से पराजित किया था। तब देव सेना ने प्रसन्न होकर प्रतीक स्वरूप बग्वाल खेली जा रही है।

Lata

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