नीच का चंद्रमा बना उत्तराखंड में आपदा का कारण

punjabkesari.in Sunday, Feb 07, 2021 - 05:37 PM (IST)

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आज उत्तराखंड में जो ग्लेशियर टूटने की वजह से बड़ी प्राकृतिक आपदा आई है और जानमाल का भारी नुकसान हुआ है, उसका अगर ज्योतिषीय विश्लेषण किया जाए तो इस समय गोचर में प्रमुख ग्रहों के अस्त होने और चंद्रमा की स्थिति के कारण यह दुखद घटना घटी है। आज सुबह 10:30 बजे के आसपास जब यह प्राकृतिक प्रकोप हुआ, उस समय बर्फ और जल का प्रतीक चंद्रमा एक तो जेष्ठा नक्षत्र में था और दूसरा अपनी नीच वृश्चिक राशि में था। मंगल ग्रह भी अष्टम में केतु के साथ नीच राशि में था। प्रमुख ग्रह देव गुरु बृहस्पति, शनि और बुध इस समय चल रहे हैं और शुक्र भी अस्त होने वाले हैं। सूर्य भी मकर राशि में हैं जो सूर्य की मित्र राशि नहीं है।

ग्रह गोचर की यह स्थिति इस प्राकृतिक आपदा की सबसे बड़ी वजह बनी और इसमें भी चंद्रमा की स्थिति ने इस प्राकृतिक आपदा को जन्म दिया। चंद्रमा जो राहु केतु के प्रभाव में है और साथ ही अपनी नीच राशि में भी है, ने जल से संबंधित इस प्राकृतिक आपदा को अंजाम दिया। जब भी गोचर में प्रमुख ग्रह अस्त होते हैं और चंद्रमा जिन्हें मन और जल का कारक माना जाता है, वह अशुभ स्थिति में होते हैं और क्रूर ग्रहों के शिकंजे में होते हैं तो हिमस्खलन व बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा आती है।


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Content Writer

Jyoti

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